Sunday, 6 October 2013

चुंबन

चुंबन प्रेम की अभिव्यक्ति का शाश्वत माध्यम है । इसके द्वारा आप अपने साथी पर अपना समस्त प्रेम न्योछावर कर देते हैं। यही वो जरिया है, जो आपको अपने साथी के मीठे से स्पर्श का अहसास कराता है। विभिन्न स्थानों पर चुंबन जहाँ अपना अलग गूढ़ अर्थ लिए होता है, वहीं चुंबन के कई ऐसे तरीके हैं, जो आपके इज़हारे-मोहब्बत में इजाफा करेंगे। और फिर वैसे भी यदि कोई काम सही तरीके से किया जाए तो उसकी बात ही अलग होती है|




गालों पर चुंबन
गालों पर चुंबन को यूं तो दोस्ती का प्रतीक माना जाता है लेकिन इसके लिए भी खासी तैयारी की जरूरत होती है। सबसे पहले अपने हाथ उनके कंधों पर रखकर उन्हें अपनी तरफ खींचें फिर उनके गालों को चूमें। इस बात का ध्यान रखें कि इस चुंबन से आप दर्शाते हैं कि आप उन्हें कितना पसंद करते हैं, इसलिए इसे आप जितना अच्छे ढंग से कर सकें करें।



हाथों पर चुंबन
उनके हाथों को चूमना दर्शाता है कि आप उन्हें किस हद तक मोहब्बत करते हैं। इसके लिए आप उनके कोमल हाथों को हाथ में लें और फिर धीमे-से चूम लें। चूमने का यह ऐतिहासिक तरीका आपकी प्रेमाभिव्यक्ति में चार चाँद लगा देगा।





माथे पर चुंबन
स्नेह से परिपूर्ण इस चुंबन के लिए अपने होंठों पर हल्के से जीभ फिराकर उनके माथे को चूमें।







पैरों पर चुंबन
चूमने के विभिन्न तरीकों में शामिल है पैरों पर चुंबन। अपनी प्रियतमा के पैरों को अपनी ओर खींचकर उन्हें चूमें। चूमने का ये तरीका उत्तेजक होने के साथ ही रोमांटिक भी है।






गर्दन पर चुंबन
उनके चेहरे को हाथों में लेकर अपने करीब लाएँ, इसके बाद उनकी गर्दन पर हौले-हौले चुंबन लें।

कंधों पर चुंबन
बहुत ही साधारण लेकिन रोमांटिक तरीका है यह। उनके पीछे से आकर उन्हें कंधों पर धीरे से चूम लेना यकीनन उन्हें खुश कर देगा।

बटरफ्लाय किस
जब आप भरी महफिल में अपने साथी को चूमना चाहते हैं तो चूमने का यह तरीका आपकी काफी मदद कर सकता है। इसके लिए सबसे पहले आप अपने साथी की ओर लगातार देखें, जब तक उसका ध्यान आपकी ओर न पहुँच जाए। इसके बाद अपनी पलकें बार-बार झपकाएँ। यदि आप इसे ठीक से करते हैं तो आपकी महबूबा आपके इशारे को आसानी से समझ जाएँगी।

फ्रेंच किस
अपनी रोमांटिक भावना को प्रिय तक पहुँचाने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका। इस प्रकार का चुंबन आत्मीय चुंबन कहलाता है। इस प्रकार का चुंबन लेने के लिए अपनी उनको नजदीक लाकर अपनी और उनकी जीभ को टकराया जाता है। दरअसल इसमें जीभ ही महत्वपूर्ण रहती है। उत्तेजना को बढ़ाने वाले इस चुंबन को अधिकतर लोग अपनाते हैं और सही तरीके से अंजाम देते हैं।

एस्किमो किस
चूमने का यह तरीका कुछ हटकर है, जो आपको प्रेम के साथ-साथ थोड़ा मजा भी दिलाएगा। इसके लिए अपने साथी के चेहरे को हाथों में लेकर नाक को आपस में धीमे-धीमे स्पर्श करें। याद रखें ये क्रिया इतनी धीमे से होनी चाहिए कि इसके माध्यम से होने वाली अनुभूति आप महसूस कर सकें।

फ्रीज/मेल्ट किस
यकीनन किस करने का ये तरीका आपके रोमांटिक मूड में न केवल वृद्धि करेगा बल्कि रोमांस में थोड़ी सी मस्ती भी भर देगा। इसके लिए आप अपने मुंह में बर्फ का एक छोटा सा टुकड़ा रखें। अब अपनी मेहबूबा को चूमें और बर्फ का ये टुकड़ा उनके मुँह में डाल दें। इस क्रिया को दोनों दोहराएँ। यह नए तरीके का फ्रेंच किस आपको चूमने का दोहरा मजा देगा।

ईयरलोब किस
ईयरलोब यानी की कानों का सिरा। जब आप अपनी मेहबूबा के नाजुक से कानों के नाजुक से किनारों को चूमते हैं तो उनका रोमांटिक मूड अचानक बढ़ जाता है क्योंकि ये ऐसी जगह है, हाँ चूमकर आप उनकी उत्तेजना को और बढ़ा देते हैं। लेकिन आपको सिर्फ इतना ध्यान रखना है कि इसे एकदम धीमे से और नजाकत से करें। अपनी सांसों पर पूरा नियंत्रण रखें, क्योंकि तेजी से चलती साँसें आपकी और उनकी एकाग्रता में व्यवधान ला सकती हैं।

खत के माध्यम से
जब आप उनके करीब हों या उनके सामने हों तो किसी न किसी बहाने उन्हें इसकी अभिव्यक्ति कर ही देते हैं लेकिन जब उनसे दूर हों तो...। कोई बात नहीं इसके लिए भी एक संकेत है और वो है 'एक्स' का निशान। अपने प्रिय को खत लिखकर ये निशान बना देने से वो समझ जाएँगे कि आपका इशारा किस तरफ है। वैसे आप अपने होंठों की आकृति भी बनाकर भेज सकते हैं।

सिप किस
चुंबन के अलग-अलग तरीकों में एकदम नया तरीका। अपने मनपसंद पेय को पीएँ और इसमें से थोड़ा-सा बचाकर अपने मुँह में रखें। अब उनके होंठों को चूमें फिर फ्रेंच किस की स्थिति बनाकर पेय को उनके मुँह में डालें। इस तरीके को करने से पहले आपको सिर्फ ये ध्यान रखना है कि उन्हें यह करने में कोई परेशानी न हो, अन्यथा गड़बड़ हो जाएगी।

फ्रूटी किस
जी हाँ, ये वाकई बड़ा रोमांटिक तरीका हो सकता है चूमने का। किसी भी रसीले फल या मिठाई का टुकड़ा अपने होंठों के बीच रखकर फल या मिठाई का आधा-आधा हिस्सा धीरे-धीरे काटें, फिर एक-दूसरे को किस करें।

वेक्यूम किस
अपनी प्रियतमा को करीब लेकर उनके चेहरे को हाथों में थामें और अपने मुँह में हवा भरकर उनके मुँह में पास करें। दोनों ही इस प्रक्रिया को दोहराएँ। सिर्फ इतना ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा हवा भरने के बजाए कम हवा भरें, ताकि कोई परेशानी न हो।

पिकनिक किस
रोमांटिक माहौल में, रोमांटिक मूड में किस करने का मजा ही और है। अपनी प्रिया को किसी घने से पेड़ के नीचे ले जाकर अचानक ही हौले से होंठों पर चुंबन लें।

टाइगर किस
चूमने का यह तरीका हो सकता है उन्हें थोड़ी देर के लिए डरा दे लेकिन ये है बड़ा ही रोमांटिक। जब वो आपकी तरफ पीठ किए बैठे हों और आपके आगमन से अनजान हों तो अचानक पीछे से जाकर उनकी गर्दन पर (शिकार पर झपट्टा मारते हुए शेर की तरह) धीरे से काटें और फिर हौले-हौले चूमें। चुंबन लेने का यह तरीका उन्हें सरप्राइज कर देगा।

बातों-बातों में
चुंबन एक अत्यंत ही मधुर अहसास है। यह अहसास स्पर्श से तो महसूस किया ही जाता है लेकिन इसके बारे में यदि बात भी की जाए तो अलग अनुभूति पैदा करता है। जब आप दोनों एकदम अकेले हों तो बिल्कुल धीमे से बुदबुदाएँ। आपका यह बुदबुदाना इस रोमांटिक माहौल में इजाफा करेगा।

निप किस
उत्तेजना से भरपूर यह किस आपके रोमांस में बढ़ोतरी करेगा। इस प्रकार का चुंबन लेने के लिए अपनी उनको बांहों में भरकर उनके होंठों को चूमें और फिर धीरे-धीरे चबाएँ। इस बात का ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया आपको अत्यंत ही सावधानी से करना है, नहीं तो वो नाराज हो जाएँगी।

टंग सकिंग
फ्रेंच किस का विस्तृत रूप कहा जा सकता है इसे। अपने साथी को चूमते हुए उनके मुँह में अपनी जीभ डालकर चुंबन लें। सावधानी यहाँ भी जरूरी है।

हिकी किस
हिकी किस में उनके शरीर पर काटने का निशान छोड़ा जाता है। लेकिन इसमें ध्यान रखना चाहिए कि आपको बड़े हौले से काटना है। कहीं तेजी से काट लिया तो खून निकल आएगा और लेने के देने पड़ जाएँगे। इस तरह के चुंबन का उद्देश्य उनके शरीर पर इन रोमांचक क्षणों की याद दिलाने वाला निशान भर छोड़ना होता है। यह निशान जब तक नजर आता है तब तक बहुत रोमांचित करता रहता है।

क्विकी किस
जब आप जल्दी में हों तो इस प्रकार के किस का सहारा ले सकते हैं। इसमें अपने उनको पास लाकर धीरे से उनकी नाक से अपनी नाक को स्पर्श कराया जाता है।

जीभ से चुंबन
जीभ का इस्तेमाल करते हुए चुंबन लेने को फ्रेंच किसिंग भी कहा जाता है, ऐसा करते समय आपके मुंह खुले होते हैं, और एक-दूसरे की जीभ आपस में छू रही होती है। इसे कई तरीके से किया जा सकता है। आप अपने साथी के मुंह में जीभ डाल सकते हैं। आप दोनों अपनी जीभ एक दूसरे की जीभ पर फिरा या सहला सकते हैं। होठों के अंदरूनी हिस्से को भी सहलाना न भूलें।

क्या मेरा तरीका सही है?
चुंबन लेने पर तो कोई किताब या अध्याय नहीं है। इसे आप स्वयं अभ्यास से सीखते हैं। इसे सीखना इतना कठिन भी नहीं हैं। जीभ से चुंबन लेने का आरंभ, पहले होठों पर चुंबन लेने से होता है। आप अपने होंठ से अपने साथी के होठों को महसूस करते हैं। उसके बाद आप अपने सिर को एक ओर थोड़ा घुमा लेते हैं, जिससे आपकी नाक बीच में न आएं, फिर अपना मुंह खोलते हैं और अपने साथी के मुंह में धीरे से अपनी जीभ का प्रवेश कराते हैं। यदि आपको अच्छा लग रहा है तो आपका तरीका सही है!

क्या आप जानते हैं...?
चुंबन लेते समय आपके दिल की धड़कन 70 प्रति मिनट से बढ़कर 100 से 150 प्रति मिनट के बीच हो जाती है।

क्या अच्छा लगता है?
यह सुनिश्चित कर लें कि आपके साथी को भी इसमें आनंद आ रहा है। साथ ही उन्हें स्पष्ट कर दें कि आपको क्या पसंद है। कुछ लोगों को गीले होंठ पसंद हैं, जबकि कुछ को ऐसा पसंद नहीं है। कुछ धीरे से चुंबन लेना पसंद करते हैं, जबकि कुछ अपने साथी के मुंह के अंदर काफी भीतर तक जीभ का प्रवेश पसंद करते हैं।

धीरे-धीरे आगे बढ़ें
लगातार 10 मिनट तक चुंबन लेना बहुत अधिक होता है। अब रुक जाएं और एक-दूसरे की आंखों में देखें। धीरे-धीरे आगे बढ़ें। यदि आपको लगता है कि आपके साथी रुकना चाहते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, कुछ देर बाद फिर से प्रयास कर सकते हैं।

सुनिष्चित कर लें कि आपकी सांस दुर्गंधयुक्त नहीं हैं
चुंबन लेना अच्छा अनुभव हो सकता है। लेकिन यदि आपकी सांस से दुर्गंध आ रही हो तो इसमें आनंद नहीं आता। कई लोगों की सांस में कभी-कभार बुरी गंध आती है। अक्सर जब आप सुबह सो कर उठते हैं, तो ऐसा होता है। अपने दांतों को अच्छी तरह ब्रुश और साफ़ (फ्लोक्स) कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। अपने खान-पान पर भी ध्यान दें- तेज़ मसाले, प्याज़ और लहसुन खाने से आपकी सांस से दुर्गंध आ सकती है। लेकिन यदि आपके साथी ने भी वही चीज़ें खाई हैं जो आपने खाई हैं तो गंध का उतना अधिक पता नहीं चलता।

चुंबन लेना ओर सहलाना
कुछ लोग चुंबन लेते समय अपनी आंखें बंद रखते हैं। जबकि कुछ लोग आंखे खुली रहने से रोमांच महसूस करते हैं। कुछ लोग कम आवाज़ करते हैं जबकि कुछ लोग आवाजें नहीं निकालते हैं।
जब आप चुंबन ले रहे होते हैं तो अपने हाथों का भी प्रयोग कर सकते हैं। आप एक-दूसरे को साथ-साथ सहला सकते हैं और एक-दूसरे के संवेदनषील अंगों को महसूस कर सकते हैं। चुंबन करने पर सेक्स की भी इच्छा हो सकती है - लेकिन ऐसा होना ज़रूरी नहीं है।

सेक्‍स : Tips

सेक्‍स का सीधा संबध हमारे स्‍वास्‍थ्‍य से हैं। इस बात को समझना बेहद जरूरी है कि हमारी अन्‍य जरूरतों की तरह सेक्‍स भी शरीर की एक अहम जरूरत है, पति-पत्‍नी के बीच एक अच्‍छी सेक्‍स लाइफ का होना बहुत जरूरी है। आजकल के व्‍यस्‍थ माहौल में ज्‍यादातर लोगों को अपनी सेक्‍स लाइफ इंज्‍वाय करने का समय नहीं मिल पाता, सेक्‍स को इंज्‍वाय करने का मतलब केवल संभोग करना ही नहीं है, बल्कि सेक्‍स से हमारे शरीर में एक नई स्‍फूर्ती और ताजगी आ जाती है।

बस इसे दिमाग की जगह दिल से करें आज हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताएंगे जिसे सेक्‍स के दौरन प्रयोग करके आप इसका मजा दुगना कर सकते हैं। इस बात को तो आप सभी जानते होंगे कि पुरूष की अपेक्षा स्‍त्रियां तुरंत उत्‍तेजित नहीं होती इसलिए सेक्‍स करने से पहले आप चाहे तो अपने पार्टनर से अंगो के बारे में बाते कर सकते हैं या फिर महिला पार्टनर के अंगों में हाथों द्वारा मसाज कर उसे सुखद एहसास दे सकतें है। या फिर कुछ ऐसे खेल खेल सकते है जो दोनों की उत्‍तेजना को और बढ़ाए।

पार्टनर की आंखों में पट्टी बांध कर जगाएं उत्‍तेजना
यौन क्रिया करने से पहले हम इसका अनुभव मानसिक तौर पर करने लगते हैं सेक्‍स के दौरान गंध, कंपन, स्‍पर्श या चरमोत्‍कर्ष की अनुभूति सबसे पहले मानसिक तौर पर होती है। इसलिए अपनी महिला पार्टनर को मानसिक सुख देने के लिए अपने साथी की आंखो पर पट्टी बांधे और उसके संवेदनशील अंगों को अपने हाथों या फिर किसी पंख के द्वारा सहलाएं इससे आपके साथी को रोमांचक उत्‍तेजना का अनुभव होगा इस दौरान आप उसके कपड़े भी धीरे-धीरे उतार सकते हैं। इस तरीके से आपके पाटर्न के न्‍यूरॉन्‍स में तीव्रता महसूस होगी और वह संभोग के लिए मचल उठेगी।

एक दूसरे की यौन क्रियाओं को समझें
सेक्‍स के दौरान एक दूसरे की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश करते रहें और एक दूसरे से पूछते रहें कि तुम्‍हें कैसा लग रहा है या फिर बदमाश कहीं, ऐसे कहीं करते हैं, दर्द तो नहीं हो रहा यकीन मानिए इससे न केवल एक दूसरे की पसंद को जान पाएंगे बल्कि सेक्‍स का एक अलग ही अनुभव आपको मिलेगा। साथ ही सेक्‍सुअल स्‍ट्रौक को तेज और कम करके एक दूसरे को चरमोत्‍कर्ष भी पहुंचा सकेंगे।


यौन आसनों का करें भरपूर प्रयोग
एक ही तरह की संभोग क्रिया से पुरुष और महिला पार्टनर दोनों बोर हो जाएंगे और सेक्‍स केवल कुछ देर की क्रिया मात्र बन कर रह जाएगा। इसे रोमांचक बनाने के लिए कुछ आसनों का प्रयोग करें, वात्‍स्‍यायन ने संभोग के दौरान ६४ आसनों का उल्‍लेख किया है जिसमें से कुछ आसान का प्रयोग आप भी कर सकते हैं। अक्‍सर संभोग के दौरान पुरुष ऊपर और स्‍त्री नीचे की ओर रहती है और पुरुष द्वारा दिए गए स्‍ट्रोक को कंट्रोल में रखती है। अगर चाहें तो बैठ कर भी संभाग का एक अलग आनंद लिया जा सकता है इसके लिए पुरुष पीछे से स्‍त्री के साथ संभोग करता है इसके अलावा ऐसे कई आसन है जिसका प्रयोग आप कर सकते हैं।

फोरप्ले - सेक्स का मजा दोगुना

सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग ही नहीं होता। फोरप्ले अर्थात सेक्स से पहले कुछ कुछ क्रियाएं ऐसी हैं, जिनसे सेक्स का मजा दोगुना किया जा सकता है। फोरप्ले न सिर्फ सेक्स का हिस्सा है, बल्कि यह क्रियाएं आपके पार्टनर की सेक्स में रुचि को भी बढ़ाता है।

एक अध्ययन में यह खुलासा भी हुआ है कि महिलाओं को फोरप्ले काफी पसंद आता है। ...और हां, यदि आप फोरप्ले करते हैं तो आप अधिक समय तक सेक्स का आनंद उठा पाएंगे और अपनी पार्टनर को चरमसुख भी दे पाएंगे। फोरप्ले में इनको आजमाइए, फिर आनंद के पल आपके लिए ही हैं...

चुंबन : फोरप्ले में चुंबन का सबसे अहम स्थान है। चुंबन मीठा और प्यार भरा अहसास है और प्रेम की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भी। यह होठों, गालों, गर्दन के अतिरिक्त और नाजुक अंगों पर भी किया जा सकता है। चुंबन न सिर्फ आपके पार्टनर को उत्तेजित करता है बल्कि आपके प्यार को और

आलिंगन : संभोग से पहले आप अपने पार्टनर को अपनी बांहों में लेकर अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं। हां, आलिंगन का मतलब शक्ति प्रदर्शन कतई नहीं है। अपने पार्टनर को बाहों में भर लें, लेकिन इतना ध्यान रखें वह असहज महसूस न करे।

स्पर्श : स्पर्श एक सुखद अहसास है। प्यार भरी छुअन अपने पार्टनर को उत्तेजित करने के लिए काफी है। आप अपने पार्टनर के संवेदनशील अंगों को सहलाएं, उन्हें स्पर्श करें।

बातचीत : संभोग से पहले आप अपने पार्टनर से मीठी-मीठी बातें करें। सेक्स में किसी भी तरह की हड़बड़ी न दिखाएं। उन्हें बताएं कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं। इससे उनका भरोसा आपके प्रति और बढ़ेगा। आप उनके साथ कुछ सेक्सी बातें कर उनकी उत्तेजना को बढ़ा सकते हैं।

छेड़छाड़ : हलकी-फुलकी छेड़छाड़ भी आपके फोरप्ले को आनंददायक बना सकती है। आप काटकर या चिकोटी काटकर अपने पार्टनर को उत्तेजित कर सकते हैं, लेकिन इसमें यह जरूर ध्यान रखें कि अत्यधिक उत्तेजना में आप अपने साथी को चोटिल न कर बैठें।

आत्मविश्वास लाएं: यदि आप अपनी महिला पार्टनर को उत्तेजित करना चाहते हैं तो आपको साहसिक होना जरूरी है। यदि आपमें प्यार करने और महिला को सहज महसूस कराने का आत्मविश्वास नहीं होगा तो आप अपनी महिला पार्टनर को उत्तेजित करने में असफल हो सकते हैं।

चिंतामुक्त हों: महिला पार्टनर को उत्तेजित करने से पहले आपका चिंता मुक्त रहना जरूरी है। यदि आप तनाव में होंगे तो आप कंसन्ट्रेट नहीं कर पाएंगे, इससे आप अपनी महिला पार्टनर को नाराज भी कर सकते हैं।

जल्दबाजी न करें: महिला पार्टनर को उत्तेजित करने के लिए जरूरी है कि आप जल्दबाजी ना करें। बल्कि अपने पार्टनर को धीरे-धीरे एक्साइट करें और फॉरप्ले करते रहे।

इशारों से करें बात: जरूरी नहीं कि महिला पार्टनर को उत्तेजित करने के लिए आप उनसे कोई बात सीधे-सीधे फ्लैट तरीके से कह दें। बल्कि आप इशारों में बातचीत कर सकते हैं, इससे आपकी पार्टनर को अच्छा लगेगा।

दूर से बरसाएं प्यारः यदि आप महिला को उत्तेजित करना चाहते हैं तो आप अपनी पार्टनर को दूर से प्यार करें। उसे फ्लाइंग किस दें। उन्हें अपने पास बुलाए। लगातार पार्टनर से आई कॉन्टेक्ट करें। अपनी पार्टनर को हल्का स्पर्श करें।

होंठों पर करें किसः महिला को उत्तेजित करने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है आप उनके होंठों पर हल्के से किस करें, इससे अपकी पार्टनर तुरंत उत्तेजित हो जाएगी।

धीरे-धीरे बेड पर ले जाएं: जब आपको ये अहसास हो जाए कि आपकी पार्टनर उत्तेजित हो चुकी है तो आप देरी ना करें और अपनी पार्टनर को धीरे-धीरे बेड पर ले जाएं, आप चाहे तो उन्हें बांहों में भरकर, गोद में उठाकर भी ले जा सकते हैं।

यौन क्रिया के बाद क्‍या चाहती हैं महिलाएं

आमतौर पर पुरुष संभोग के तुरंत बाद या तो सो जाते है, या फिर अपनी पार्टनर से दूर बैठ जाते हैं। ऐसा करने पर कई बार पार्टनर का मूड खराब भी हो जाता है। क्‍या आपके साथ भी ऐसा होता है? क्‍या आपकी पार्टनर भी प्‍यार की चरम सीमा तक पहुंचने के बाद रूठ जाती है। शायद इसमें आपकी भी गलती हो सकती है, क्‍योंकि महिलाएं यौन क्रिया के बाद भी आपका प्‍यार चाहती हैं।

कुछ बातें हम आपको बताएंगे, जिनका पालन कर आप अपने और अपनी पार्टनर के बीच सकारात्‍मक फर्क जरूर महसूस करेंगे।

1. सेक्‍स के तुरंत बाद कभी सोयें नहीं। इससे महिला को लगता है कि आप सिर्फ मतलब से उसके करीब आते हैं।
2. संभोग के बाद आप अपनी पार्टनर के साथ स्‍पून फिटिंग पोज़ीशन में लेट जायें जैसे दो चम्‍मच एक दूसरे में फिट हो जाते हैं। और अपने हाथों से हलके-हलके स्‍पर्श करते हुए प्‍यार की बाते करें। इससे महिला अपने आपको सुरक्षित महसूस करती है।
3. प्‍यार की चरम सीमा तक पहुंचने के बाद भी महिलाएं अपने पार्टनर से बातें करना पसंद करती हैं। ऐसे में यदि आप मीठा सा चुंबन लेंगे, तो उन्‍हें अच्‍छा लगेगा।
4. यदि आप खासतौर से अपनी पार्टनर के मन की बात जानना चाहते हैं कि वे सेक्‍स के बाद क्‍या चाहती है, तो स्‍पून फिटिंग पोज़ीशन में उनसे पूछें कि उन्‍हें कैसा लग रहा है। वो खुद ब खुद अपनी इच्‍छाएं बयान कर देंगी। उनकी इच्‍छाओं को पूरा करके आप अपने प्‍यार भरे जीवन में खुशियां दुगनी कर सकते हैं।
5. संभोग के बाद आप अपनी पार्टनर से पूछें कि उन्‍हें कैसा लगा, कौन सी यौन क्रिया में उन्‍हें सबसे ज्‍यादा आनंद आया, प्‍यार के वक्‍त उन्‍हें क्‍या चीज़ सबसे अच्‍छी लगी, आदि। उन बातों को अगली बार आज़माकर आप अपनी पार्टनर के और ज्‍यादा करीब जा सकते हैं।
6. ऐसा बहुत कम होता है कि महिला दोबारा संभोग के लिए कहे। महिलाएं कभी भी प्‍यार के बाद आराम नहीं चाहती, जबकि अधिकांश पुरुष इस क्रिया के बाद सोना पसंद करते हैं। यदि आपकी पार्टनर दोबारा संभोग के लिए कहे, तो मना मत करिये, क्‍योंकि ऐसा चांस जल्‍दी नहीं आता।

Saturday, 5 October 2013

स्वप्न दोष क्या है व क्यो होता है ?

स्वपन दोष जैसा कि इसके नाम से प्रतीत होता है कि यह स्वप्न से संबधित रोग है।तो हाँ यह सच है कि यह स्वप्न से संबधित रोग है।यह रोग अधिकतर युवाओं में पाया जाता है। अंग्रेंजी में यह  रोग स्पर्माटोरिया के नाम से जाना जाता है। सामान्य अवस्था में  स्त्री व पुरुष के सम्मिलन की चरमावस्था पर पुरुष का वीर्य स्खलित होता है । या यह कहा जा सकता है कि वीर्य़ का स्खलन संभोग  की चरम सीमा है जिसमें पुरुष का वीर्य स्खलित होता है। इसमें पुरुष व स्त्री शारीरिक व मानसिक तल पर एक साथ सम्मिलित होते हैं।और दोनो का एक ही लक्ष्य होता है सम्भोग की चरम अवस्था पर पहुँच कर  परमानन्द की अनुभूति  प्राप्त करना ।

सोते समय लिंग से वीर्य का अनियन्त्रित  रूप से निकल जाना गीला सपना कहलाता है। इस तरल पदार्थ  का रंग क्रीम जैसा या रंगविहीन होता है। सपनों में यौन उत्तेजना होने पर या कम्बल, पलंग अथवा भरे हुए मूत्राशय से रगड़ लगने पर शारीरिक उत्तेजना से गीले सपने आते हैं।
                     
सोते समय स्वप्न में यौन क्रीड़ा संबंधी दृश्य देखने पर जननेन्द्रिय में उत्तेजना आती है और शुक्राशय में एकत्रित हुआ शुक्र निकल जाता है, इसे स्वप्नदोष (नाइट फाल) होना कहते हैं, स्वप्नदोष होने का यह भी एक कारण होता है।

सोते समय स्वप्न में यौन क्रीड़ा संबंधी दृश्य देखने पर जननेन्द्रिय में उत्तेजना आती है और शुक्राशय में एकत्रित हुआ शुक्र निकल जाता है, इसे स्वप्नदोष (नाइट फाल) होना कहते हैं, स्वप्नदोष होने का यह भी एक कारण होता है। परन्तु अत्याधिक वीर्य स्खलित होना नपुंसकता का एक लक्षण हो सकता है अतः इसका शीघ्र उपचार करना अत्यंत आवश्यक है

स्वप्नदोष एक स्वाभाविक क्रिया है जिसके अंतर्गत एक पुरुष को नींद के दौरान वीर्यपात (स्खलन) हो जाता है, इसके दौरान पुरुष एक स्वतःस्फूर्त यौनानन्द का अनुभव भी करते हैं।

स्वप्नदोष के दौरान यौनसुख के बजाय झुनझुनी, जैसे पेशाब निकल रहा है या जैसे पेशाब लगा है जैसी अनुभूति हो सकती है। कई किशोर इस दौरान नींद से जाग जाते हैं और उनमे एक शर्मिंदगी की भावना आती है कि उन्होने सोते हुए बिस्तर गीला कर दिया है।

स्वप्नदोष, एक कामोद्दीपक सपने के बाद होने वाली एक स्वाभाविक शारीरिक प्रतिक्रिया है जिसके कारण पुरुष व्यक्ति के भीतर लगातार उत्पादित हो रहीं शुक्राणु कोशिकाओं की बहुतायत को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।

स्वप्नदोष की अधिकता किसी भी व्यक्ति के लियें बहुत अधिक हानिकारक हो सकती है तथा स्वप्नदोष की स्थिति में यदि व्यक्ति को शीघ्र ही वीर्य स्खलित हो जाता है तो उस व्यक्ति को शीघ्र पतन की समस्या भी होना संभव है अतः स्वप्नदोष का शीघ्र से शीघ्र उपचार करना अत्यंत आवश्यक है                    
                     
लैकिन स्वपन दोष एक एसी अवस्था या प्रक्रिया है जिसमें कोई भी स्त्री शारीरिक रुप से उपस्थित नही होती है । व्यक्ति केवल स्वप्न में स्त्री या कामिनी को  देखता है और शारीरिक रुप से किसी स्त्री की अनुस्थिति होने के कारण से व्यक्ति केवल कल्पना में ही सारे सम्भोग को करता है। और उस मानसिक सम्भोग की पूर्णता से पहले या पूर्णता पर वीर्य का स्खलन हो जाता है। इस असामान्य स्थिति को स्वप्न दोष कहते है। यह व्यक्ति के सोच विचार का परिणाम होता है।इस रोग को वैसे रोग कहना अतिशयोक्ति ही होगी।
लैकिन यह महिने में अगर 1 या 2 बार ही हो तो सामान्य बात कही जा सकती है।और यह कहा जा सकता है कि कोई रोग नही है किन्तु यदि यह इससे ज्यादा बार होता है तो वीर्य की या शुक्र की हानि होती है और व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी का अहसास होता है। क्योंकि यह शुक्र भी रक्त कणों से पैदा होता है । अतः अत्यधिक शुक्र क्षय व्यक्ति को कमजोर कर देता हैं ।
अधिकतर तो स्वप्न दोष अपनी इच्छा के विपरीत ही होता है किन्तु कभी कभी यह ऐच्छिक भी हो सकता है ।
इस क्रिया मे रोगी मानसिक रुप से सम्भागावस्था में होता है किन्तु वास्तविकता में  शारिरिक रुप से ऐसा न होने के कारण तथा स्त्री की अनुपस्थिति होने के कारण न तो कभी संभोग का वास्तविक आनन्द ही प्राप्त हो सकता है औऱ न ही संतुष्टि ही मिल सकती है।वल्कि यह तो मानसिक दुर्बलता,कुण्ठित व्यक्तित्व व आध्यात्मिक दुर्बलता का प्रतीक है।
कारण-   स्वप्न दोष के अनेकों कारण हो सकते हैं ।लैकिन प्रमुख कारणों में अश्लील चिंतन,अश्लील फिल्म देखना व नारी स्मरण मुख्य हैं ।इसके अलावा पेट में कब्ज रहना, नाड़ी तन्त्र की दुर्वलता भी एसी स्थितियाँ पैदा कर सकता है।गन्दी फिल्में व गंदे फोटो देखना गंदी कहानियो व उपन्यासों को पढ़ने से हमारा अवचेतन मस्तिष्क एसी ही बातों को सोचता रहता है जिसे जागते में तो समाज के भय से पूरा नही कर पाता उसे  सोते समय वह पूरा करना चाहता है। और एसे चिन्तन के फलस्वरुप जिसका चिन्तन वह पूरे समय करता रहा है वो चीजे सपने में प्रकट हो जाती हैं.और यह समपन्न हो जाता है । कभी कभी अचानक के भय लगने से भी शरीर बहुत शिथिल हो जाता है जिसके कारण शरीर के अंग प्रत्यंगो की क्रियाविधि पर मस्तिष्क का कंट्रोल कम हो जाता है फलस्वरुप कभी कभी स्वप्न दोष हो जाता है।
देर से शादी होना भी एक कारण हो सकता है ।कभी कभी प्रेमिका से या पत्नी से किसी काऱण दूरी होना जिसमें दोनो का आपस में प्रवल आकृषण हो एसी अवस्था में भी स्वप्न दोष हो जाता है।
ऐसा नही है कि स्वप्न दोष केवल पुरुषों को ही होता है यह  स्त्रियों को भी होता है बस अन्तर इतना है कि वहाँ वीर्य की जगह योनि से आर्तव आ जाता है। जिसे सामान्य भाषा में रज कहते हैं।
अन्य कारणों में एक कारण ज्यादा मिर्च मसालों का प्रयोग,सुस्वादु व  गरिष्ठ भोजन तथा विलासता पूर्ण रहन सहन भी इस रोग के लिए उत्तर दायी हैं ।
परिणाम- रोगी का शरीर दुवला पतला व शारीरिक कमजोरी से ग्रसित हो जाता है । अत्यधिक ग्रसित होने पर पैरों की शिथिलन व स्मरण शक्ति कमजोर होना मन में खिन्नता होना  व अण्डकोषों का लटक जाना भी हो सकता है। इस रोग के रोगी का काम में मन नही लगता औऱ सम्भोग के समय अचानक लिंग  में शिथिलता की स्थिति  पैदा हो सकती है । और इस कारण शर्म के कारण व्यक्ति कई बार एकाकी सा जीवन विताने लगता है। रोगी का मन हमेशा काम क्रियाओं की बात सोचता रहता है। जिससे रात के समय तीव्र उत्तेजना होती है औऱ सुबह जागने के समय भी लिंग की उत्तेजना होती है।
कभी कभी शौंच के समय पतला वीर्य गिरता है सांस फूलने लगती है।तथा हर समय लिंग का कड़ापन सा बना रहता है । औऱ भी ज्यादा खतरनाक स्थिति तब हो जाती है जब जननेन्द्रिय हमेशा कड़ी वनी रहै या उत्तेजित रहे तथा स्वप्न दोष के बाद अत्यधिक कमजोरी हो जाए ,कान से अलग तरह की आवाजे सुनाई देने लगें ।

परस्पर हस्तमैथुन

जब स्त्री-पुरुष दोनों एक दूसरे को यौन सुख देने के लिये एक दूसरे का हस्तमैथुन करते है तो उसे अंग्रेजी में नाम दिया गया है-"ओननिज़्म"।
हस्तमैथुन एक व्यक्ति के जननांगों की यौन उत्तेजना को भी प्रभावित करता है। आमतौर पर संभोग से पूर्व स्त्री-पुरुषों में यह उत्तेजना मैन्युअली प्राप्त की जाती है। शारीरिक सम्पर्क (संभोग से कम) किये बिना अन्य प्रकार की वस्तुओं या उपकरणों के उपयोग द्वारा भी परस्पर हस्तमैथुन एक आम बात है जो एक पुरुष साथी अपनी दूसरी महिला साथी को अधिक समय तक यौन सन्तुष्टि प्राप्त करने के लिये करते हैं। अंग्रेजी में इसे "फोरप्ले" कहा जाता है।



पुरुषों और महिलाओं में और भी तकनीकों से हस्तमैथुन के लक्षण पाये जाते हैं, लेकिन इन तरीकों से हस्तमैथुन के अध्ययन में यह पाया गया है कि हस्तमैथुन स्त्री या पुरुष दोनों ही लिंगों और सभी उम्र के इंसानों में अक्सर होता है। यद्यपि वहाँ भिन्नता हो सकती है पर अपवाद नहीं। विभिन्न चिकित्सा पद्धति से मनोवैज्ञानिक लाभ पहुँचा कर यौन क्रिया को सामान्य करने के लिये भी हस्तमैथुन को स्वस्थ प्रक्रिया ठहराया गया है।
सदियों से चली आयी यह धारणा आज गलत सिद्ध हो चुकी है कि हस्तमैथुन से शारीरिक अक्षमता आती है बल्कि आधुनिक चिकित्सा शास्त्र में "प्रतिदिन एक ओगाज़्म (यौनतुष्टि) हमेशा-हमेशा के लिये डॉक्टर को दूर रखता है।" जैसा क्रान्तिकारी नारा भी मैराथन (लम्बे) स्वास्थ्य के लिये दे दिया गया है।
प्रोस्टेट ग्रंथि एक अंग है जो वीर्य के लिये तरल पदार्थ का योगदान करता है, जैसा कि प्रोस्टेट को गुदा के अन्दर उँगली डालकर महसूस किया जा सकता है। ऐसा करने से भी कभी-कभी आनन्द मिलता है; अत: यह भी हस्तमैथुन का एक तरीका है।
म्युचुअल हस्तमैथुन सभी यौन झुकाव के लोगों द्वारा किया जाने वाला एक अभ्यास है जो पुरुष-लिंग को स्त्री-योनि में प्रवेश किये बिना एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। किशोरियों में उनके कौमार्य को संरक्षित करने के लिये या गर्भावस्था को रोकने के लिये भी यह सहायक हो सकता है। कुछ लोग इसे आकस्मिक सेक्स करने के लिये भी एक विकल्प के रूप में चुनते हैं, क्योंकि यह वास्तविक सेक्स के बिना ही यौन-सन्तुष्टि देता है। कुछ युवा लोगों के लिये, अपने दोस्तों के साथ परस्पर एक दूसरे का लिंग आपस में रगडकर यौन सन्तुष्टि में मदद करता है। कुछ लोगों को यह मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया उनके अपने ओगाज़्म को विकसित करने अथवा अपने सुख में वृद्धि करने के लिये अधिक समय तक हस्तमैथुन करने के लिये प्रेरित भी करती है।
परस्पर हस्तमैथुन जोड़े या समूहों में पुरुषों या महिलाओं द्वारा किया जा सकता है या फिर किसी अन्य व्यक्ति को छूकर या बिना सम्पर्क द्वारा भी सम्पन्न हो सकता है।              

स्त्री हस्तमैथुन कैसे करती है?

स्त्रियाँ अपनी योनि को हिलाना या रगड़ना शुरू करती हैं। खासतौर पर वे अपने भगोष्ट को अपनी तर्जनी या मध्यमा अँगुली से हिलाती हैं। कभी-कभी योनि के अन्दर एक या दो से ज्यादा अँगुलियाँ डालकर उस हिस्से को हिलाना शुरू करती हैं जिस स्थान पर जी स्पाट होता है इसके लिए वे वाइब्रेटर अथवा डिल्डो का सहारा भी लेती हैं। बहुत सी महिलाएँ इसके साथ साथ अपने वक्षों को भी रगड़ती हैं। कुछ महिलाएँ उँगली डालकर गुदा को भी उत्तेजित करती हैं। कुछ इसके लिये कृत्रिम चिकनाई का प्रयोग भी करती है लेकिन बहुत सी महिलाएँ प्राकृतिक चिकनाई को ही काफी समझती हैं।
कुछ महिलाएँ केवल विचार और सोच मात्र से ही मदनोत्कर्ष (स्वत:स्खलन सीमा) तक पहुँच जाती हैं। कुछ महिलाएँ अपनी टाँगें कसकर बन्द कर लेती हैं और इतना दबाव डालती हैं जिससे उन्हें स्वत: यौन-सुख अनुभव हो जाता है। ये काम वे सार्वजनिक स्थानों पर भी बिना किसी की नजर में आये कर लेती हैं। इस क्रिया को महिलाएँ बिस्तर पर सीधी या उल्टी लेटकर, कुर्सी पर बैठकर या उकडूँ बैठकर भी करती हैं। लेकिन ऐसी कोई भी क्रिया जिसे बिना शारीरिक सम्पर्क के पूरा किया जाता है इस श्रेणी में नही आती।
भारतवर्ष में महिलाओं द्वारा हस्‍तमैथुन के लिये सब्जियॉं यथा लम्बे वाले बैंगन, खीरा, गाजर ,मूली, ककडी आदि अपने जननांग में प्रविष्‍ठ कराकर भी सन्तुष्टि प्राप्‍त की जाती है। कुछ स्कूल में पढने वाली किशोर बालिकायें अपनी योनि में मोटा वाला कलम (पेन),मोमबत्ती या मोटी पेन्सिल डालकर हिलाती हैं। इस क्रिया से भी उन्हें चरमोत्कर्ष की प्राप्ति हो जाती है। यह भी देखा गया है कि कुछ महिलायें पलंग के किनारे अथवा किसी मेज के किनारे से अपने यौनांग रगड़ कर ही यौन-सुख प्राप्‍त कर लेती हैं।

पुरुष कैसे करते हैं हस्तमैथुन ?

पुरुष अपने शिश्न या लिंग को अपनी मुट्ठी में दबाकर या अपनी अँगुलियाँ से पकड़ कर इसे तेजी से रगड़ना या शिश्न के ऊपर की त्वचा को आगे-पीछे हिलाना शुरु करते हैं। यह प्रक्रिया कभी-कभी वे लिंगमुण्ड पर चिकनाई लगाकर भी करते हैं। इस कार्य में उन्हें अपार आनन्द की अनुभूति होती हैं। ये कार्य वे तब तक जारी रखते हैं जब तक उनका वीर्यपात या वीर्य स्खलन नहीं हो जाता।
इसके अतिरिक्त कभी कभार पुरुष तकिये के बीच में अपना लिंग दबा कर धीरे-धीरे आगे पीछे धक्का देते हुए इस तरह हिलाते हैं मानो वे किसी स्त्री की योनि में अपना पुरुषांग प्रविष्ठ कर रहे हों। अब तो कई प्रकार के नकली महिला जननांग भी बाजार में उपलब्ध हैं जो सॉफ्ट फाइवर के बने होते हैं और महिला जननांग जैसा ही अनुभव देते हैं। कुछ पुरुषों द्वारा इस प्रकार के उपाय भी स्वयं की यौन-सन्तुष्टि हेतु किये जाते हैं।





पुरुष हस्तमैथुन कैसे करे
हस्तमैथुन करना एक साधारण आदत है जिसे हर पुरुष पसंद करता है. छोटी अवस्था में ही उसे अपने लिंग की पहचान हो जाती है. ऐसा कहा जाता है की घर की नौकरानी बालक को चुप करने के लिए उस के लिंग की मालिश कर देती है. बालक भी थोडा बड़ा होने पर अपने लिंग से खेलना सीख जाता है. और आनंद उठाने के लिए अक्सर अपने लिंग को पकड़ कर सहलाता है. थोडा और बड़ा होने पर उसे चरम सीमा का आनंद आने लगता है. कुछ लोग इसे लिंग का दुरूपयोग या पाप कहते हैं. परन्तु जो लोग इसे लिंग का दुरूपयोग या पाप कहतें हैं वह स्वयं भी इस का आनंद लेते हैं. हाँ किसी भी बात को अधिकता में करने से हानि होती है यह बात हस्तमैथुन के लिए भी लागु होती है.

वास्तव में हस्तमैथुन शारीरक और मानसिक तनाव को दूर करने का एक अनूठा साधन है. जो राहत हस्तमैथुन से प्राप्त होती है वह सम्भोग से भी प्राप्त नहीं होती. हस्तमैथुन कल्पनाओं की उड़ान पर आधारित होता है और आप कल्पनाओं में किसी भी ऊंचाई तक जा सकते हैं. आप की कल्पना में संसार के सब से सुन्दर स्त्री या पुरुष आ सकते हैं, आप अपनी इच्छा से उन के साथ व्यवहार कर लड़ते हैं. आप का तीव्रता और धीमी गति पर नियंत्रण होता है. हस्तमैथुन में आप को अपने लिंग की क्षमता प्रदर्शित करने की भी आवश्यकता नहीं होती. आप और आप का हस्तमैथुन करने का तरीका ही आप के आनंद की सीमा को तह करते हैं.

 हस्तमैथुन कई प्रकार से किया जाता है. सब से साधारण तरीका है लिंग को अपने हाथ में ले कर सहलाना या तीव्रता से आगे पीछे करना, जब तक आप का वीर्य न निकल जाये. यह उन स्थानों के लिए बहुत उपयोगी है जहाँ जगह का अभाव या एकांत न हो. जैसे छोटे घर या संयुक्त परिवार में रहने वाले लोग. जहाँ एकांत केवल शौचालय या अपने बिस्तर में ही मिलता हो. ऐसे स्थानों में हस्तमैथुन का आनंद केवल वीर्य स्लखन तक ही सीमित होता है. समय का आभाव, स्थान का आभाव मजबूर कर देता है की हम तीव्रता से अपने आनंद तक पहुंचे. इस का दुष्परिनाम आने वाले समय में विवाह में पता चलता है. क्यूंकि बचपन से ही जल्दी समाप्त हो जाने की आदत पड़ जाती है. इस का अर्थ यह नहीं की मर्दानगी समाप्त हो चुकी है. आप मर्द थे, मर्द हैं, और मर्द ही रहेंगे बस केवल आप अपने साथी से पहले स्लखित हो जाते हैं. इस का उपाय एक दूसरा विषय है.

हस्तमैथुन अपनी आवश्यकता के अनुसार किया जाता है. दिन में एक बार, दो बार, या चार बार, जितनी आवश्यकता हो उतना हस्तमैथुन करें. हर बार वीर्य स्लखन होना भी आवश्यक नहीं है. दिन में एक बार वीर्य स्लखित हो जाना उचित है या जब भी आप का शरीर वीर्य को बाहर निकलने की आवश्यकता दर्शाए. यदि आप वीर्य को बाहर नहीं निकालेंगे तो वह अपने आप ही बाहर निकल जायेगा, जिसे स्वप्नदोष कहा जाता है. (कृपया ध्यान दें, स्वप्नदोष कोई बीमारी नहीं है. झूठे डाक्टरों और नीम-हकीमों के बहकावे में न आयें). यह शरीर की प्राक्रतिक क्रिया है.

हस्तमैथुन का सब से अच्छा तरीका यह है की आप अपने हाथ और लिंग पर तेल या कोई चिकना पदार्थ लगा लें. फिर हल्के हाथ से लिंग की मालिश करें जब तक लिंग पूरी तरह से सख्त न हो जाये. लिंग मुंड पर चिकनाई अच्छी तरह लगा कर उसे अपनी ऊँगली और अंगूठे के बिच प्रवेश कराएँ जैसे किसी योनी या गुदा में प्रवेश करा रहें हों. या फिर चारों उँगलियों और अंगूठे को मिला कर गोलाई का रूप दें और उस में अपने चिकने लिंग को ऐसे प्रवेश कराएँ जैसे किसी के मुख में प्रवेश करा रहें हों, मुखमैथुन मुद्रा में.

सख्त लिंग को कभी भी कस के न पकड़ें. चिकनाई के कारण घर्षण ऐसे करें जैसे की सम्भोग किया जाता है. कल्पना करें की आप का हाथ नहीं परन्तु वह आप के प्रियतम की योनी, मुख या गुदा है. यदि आप हस्तमैथुन को अधिक देर तक करना चाहते हैं तो बिच बिच में घर्षण क्रिया रोक कर अपने लिंग को सहलाएं या अपने अंडकोष से खेलें. आप ऐसा भी कर सकते हैं की दुसरे हाथ की एक ऊँगली में थोडा सा तेल कर उस से अपनी गुदा के चारों ओर और बिच में सहलाएं. ध्यान रहे की ऊँगली को गुदा में प्रवेश न करें. ऐसे केवल स्लखित होते समय ही करें. स्लखित होते समय गुदा में ऊँगली के प्रवेश से आप का चरम सीमा का आनंद दोगुना हो जायेगा साथ ही साथ वीर्य निकलने की तीव्रता भी बड़ जाएगी.

अब जब आप की लगने लगे की वीर्य स्लखित होने वाला है तो घर्षण की तीव्रता की बढ़ा दें परन्तु हल्के हाथ से. जोश और तनाव में सम्भव है की आप की पकड़ मजबूत हो जाये जिस के कारण नसों पर दवाब भी बड़ जायेगा जो आगे चल कर हानिकारक हो सकता है. इस समय आप के लिंग में खून का प्रवाह तेज़ी से हो रहा होता है. कस कर पकड़ने से खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

सख्त लिंग को कभी भी कस के न पकड़ें. चिकनाई के कारण घर्षण ऐसे करें जैसे की सम्भोग किया जाता है. कल्पना करें की आप का हाथ नहीं परन्तु वह आप के प्रियतम की योनी, मुख या गुदा है. यदि आप हस्तमैथुन को अधिक देर तक करना चाहते हैं तो बिच बिच में घर्षण क्रिया रोक कर अपने लिंग को सहलाएं या अपने अंडकोष से खेलें. आप ऐसा भी कर सकते हैं की दुसरे हाथ की एक ऊँगली में थोडा सा तेल कर उस से अपनी गुदा के चारों ओर और बिच में सहलाएं. ध्यान रहे की ऊँगली को गुदा में प्रवेश न करें. ऐसे केवल स्लखित होते समय ही करें. स्लखित होते समय गुदा में ऊँगली के प्रवेश से आप का चरम सीमा का आनंद दोगुना हो जायेगा साथ ही साथ वीर्य निकलने की तीव्रता भी बड़ जाएगी.

अब जब आप की लगने लगे की वीर्य स्लखित होने वाला है तो घर्षण की तीव्रता की बढ़ा दें परन्तु हल्के हाथ से. जोश और तनाव में सम्भव है की आप की पकड़ मजबूत हो जाये जिस के कारण नसों पर दवाब भी बड़ जायेगा जो आगे चल कर हानिकारक हो सकता है. इस समय आप के लिंग में खून का प्रवाह तेज़ी से हो रहा होता है. कस कर पकड़ने से खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है. स्लखित होने से पहले लिंग की स्थिति को निर्धारित करें अर्थात ऊपर की ओर, निचे की ओर, दायें या बाएं. एक बार स्थिति बन गयी तो फिर आप अपने वीर्य को निकलने दें.

स्लखित होने के तुरंत बाद लिंग को न छोड़ें. उसे सामान्य स्थिति में आने तक हल्के हाथ से सहलाते रहें. स्लखित होने के बाद लिंग को निचोड़ें नहीं. ऐसा करने से कोई लाभ नहीं होता. स्लखित होने के तुरंत बाद लिंग पर ठंडा पानी न डालें. यदि आप को तुरंत साफ़ करने की आवश्यकता है तो गुनगुने पानी का प्रयोग करें या किसी साफ़ कपडे से लिंग को पोंछ लें. अन्यथा 15 मिनट तक लिंग व शरीर को ठंडा होने दें फिर स्नान किया जा सकता है.

हस्तमैथुन क्या होता है?

यौनपरक संवेदना के लिए जब व्यक्ति स्वयं  उत्तेजना जगाता है तब उसे हस्तमैथुन कहा जाता है।  हस्तमैथुन शब्द के प्रयोग से सामान्यतः यही समझा जाता है कि वह स्त्री या वह पुरूष जो कामोन्माद की चरमसीमा का तीव्र आनन्द पाने  के लिए अपनी जननेन्द्रियों से छेड़छाड़ करता है। चरमसीमा का अभिप्राय उस  परम उत्तेजना की स्थिति से है जिसेमें  जननेन्द्रिय की मांस पेशयां चरम आनन्द देने वाली अंगलीला की कड़ी में प्रवेश करती हैं। 

सेक्स पोजीशन - खड़े होकर सेक्स


यह पोजीशन स्वाभाविक तौर पर अति आनंद के लिये या फिर अकल्पनीय सेक्सुअल समागम के लिए प्रयोग की जाती है. सामान्यतः यह भारत में कम ही प्रयोग की जाती है लेकिन अब यह प्रचलन में आ रही है. वहीं कुछ लोगो का मानना है कि जहां बिस्तर की उपलब्धता न हो और प्रतीक्षा करने का कोई कारण उपलब्ध न हो तो यह पोजीशन सबसे सही रहती है. यह काफी बलिष्ठ , खिंची हुई और अति कठोर पोजीशन मानी जाती है, जिसके लिये काफी ताकत, जोर और समन्वय की आवश्यकता होती है. वहीं कुछ लोगों का मत है कि इस पोजीशन में सेक्स करने पर रक्त प्रवाह तेज होता है साथ इस पोजीशन के द्वारा पुरुषों में स्वयं में शक्तिशाली होने का अहसास होता है तो महिलाएं अपने को पूरी तरह निगला (गटका) हुआ महसूस करती हैं. और सबसे मुख्य बात रही वह यह है कि बेहतर सेक्सुअल आनंद के लिये पोजीशन बदल कर सेक्स करना काफी आनंददायी होता है.

अंगरक्षक पोजीशन

यह पोजीशन खड़े होकर सामने या पीछे से प्रवेश की सेक्स पोजीशन है. ऱत्यात्मक कामुकता के आवेग में यह खड़े वर्ग की सभी सेक्स पोजीशनों में अनूठी होती है. इस पोजीशन के लिये महिला सीधे खड़ी होकर अपनी टांगे फैला देती है फिर पुरुष पीछे की ओर से या फिर सामने की ओर से प्रवेश क्रिया प्रारंभ करता है. पीछे से प्रवेश के लिये महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है. यह पोजीशन दोनों पार्टनरों को एक दूसरे के शरीर को बेहतर तरीके से अभिगम करने का अवसर प्रदान करती है. इस पोजीशन की सिर्फ एक कमी है वह है दोनों के गुप्तांगों को सहजता से पंक्तिबद्ध करना... लोग चाहे तो इसकी मूल पोजीशन में थोड़ा परिवर्तन कर सकते हैं.

महिला चाहे तो अपने पार्टनर के खिंचाव को कम करने के लिये सीढ़ी या फिर स्टूल पर चढ़ सकती है.

श्वान पोजीशन


पोजीशन को पाने के लिये महिला झुक कर मेढक की तरह पोजीशन बना लेती है(उकड़ू बैठ जाती है). फिर उसके पीछे पुरुष घुटनों के बल खड़ा होकर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करता है. इस दौरान महिला जहां हाथों से अपने शरीर को सहारा देती है वहीं पुरुष महिला के कूल्हों को पकड़ कर गति नियंत्रित करता है. वहीं दूसरे तरीके में वह अपनी जांघें घुटनों से मोड़ कर टांगों में जोड़ कर सिर को भी नीचे ले आती है. इस अवस्था में उसकी योनि खुलकर सामने आ जाती है





सेक्स पोजीशन - जब पुरुष उपर हो


हम तब तक क्लासिकल म्यूजिक को नहीं समझ सकते जब तक कि उसे सुनकर उसकी गूढ़ता और भ्रामक सुन्दरता को समझने का प्रयास नहीं करते . कुछ ऐसा ही राग है सेक्स पोजीशन के मामले में जब पुरुष उपर हो. यहां अब वह समय आ गया है जब आदर्श (classic) पोजीशन को सभ्य व व्यवस्थित बनाएं तथा परीक्षण करके देखे कि किन कारणों से वे आदर्श पोजीशन हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब पुरुष उपर होता है तो इसका यह कतई आशय नहीं लगाना चाहिये कि महिला को इसमें नकारात्मक शक्तिशाली संबंधों का अनुभव होगा. न ही इन पोजीशनों को पुराने जमाने की बोरिंग पोजीशन कहा जा सकता है जैसा कि कुछ लोग आज कर पुरुष के उपर रहने वाली पोजीशन के बारे में सोचते हैं. इनमें महज कुछ परिवर्तन करके इन्हें शानदार अनुभव वाली पोजीशन भी बनाया जा सकता है. इन सभी पोजीशनों में धक्के का पूरा दारोमदार पुरुष पर होता है. किसी भी प्रारंभिक पोजीशन के पहले आपसी बातचीत महत्वपूर्ण होती है. यदि कम्युनिकेशन गैप रहेगा तो शायद कोई भी पोजीशन दोनों के लिये उतनी आनंददायी नहीं होगी जितने कि वे कल्पना करते हैं. मसलन हर महिला अपने पार्टनर का ऐसा आकार या ढांचा चाहती है जो उसे कामोन्माद की चरम स्थितितक पहुंचा सके और इसके लिये जरूरी है एक बेहतर पोजीशन की जो उससे चर्चा करके उसके सोचे गए आकार से मेल खाती हो और यह प्रयास पार्टनर के लिये प्रचण्ड कामोद्दीपक व तीव्र उत्तेजना प्रदान करने वाला होगा. यदि वे एक बार ऐसा करने में सफल हो गए तो वे अपने इष्टतम आनंददायी बिंदु पर निशाना साधते हुए सवारी का मजा ले सकेंगें. यहां यह बताना भी जरूरी है कि ज्यादातर पुरुष अपने को उपर रखने वाली पोजीशन इस लिये चुनते हैं ताकि पूर्ण उन्नत अवस्था को पा सकें. इस तरह पुरुषों के उपर रहने पर शक्तिशाली पोजीशन का होना इसका एक वास्तविक फायदा है. लेकिन इस पोजीशन में पुरुष शुरुआत से ही तेज गति और निकटता के साथ चलेंगे तो वे निश्चित तौर पर चरमोत्कर्ष के समय कमजोर और उत्तेजना खोने वाला भी बना सकती है क्योंकि वे सेक्स की कदमताल के कन्ट्रोल में नहीं रह पाते हैं. यह पोजीशन नये प्रवेश करने वालों के लिये काफी बेहतर होती है, लेकिन जब इसे सृजनात्मकता से लिया जाता है तो यह सभी वर्ग के लिए मजेदार होती है. इसलिये जरूरी है कि महिलाएं भी अपने पार्टनर को बताएं कि वह नियंत्रण में रहे तथा प्रयोग करके यह भी देखे कि किसमें उन दोनों को ज्यादा आनंद आता है.


ड्रिल पोजीशन
इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगें उपर उठा कर फैला लेती है. इसके बाद पुरुष जब प्रवेश करता है तो पुऱुष की कमर के पास से अपने पैरों की कैंची से बांध लेती है. यह पोजीशन काफी गहरे प्रवेश के लिए जानी जाती है. इसमें महिला के उठे पांव पुरुष को गहराई तक प्रवेश की अनुमति देते हैं.







महराब पोजीशन-
यह पोजीशन सेक्स का जमकर लुत्फ उठाने वाले लोगों की पसंदीदा पोजीशन है. थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन आनंददायी पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन में महिला अपनी टांगे सीधे फैलाकर पीठ के बल लेट जाती है फिर इस पोजीशन को पाने के लिये अपनी टांगों को पीछे खींच कर कमर से अपने को उपर उठाती है. इस तरह वह एक पुल नुमा आकृति बना लेती है. इसके पश्चात पुरुष उसकी योनि के सामने घुटनों के बल बैठकर प्रवेश क्रिया को अंजाम देता है. इस पोजीशन को कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि यह देखने में काफी कठिन सी लगती है लेकिन मूलतः यह पोजीशन काफी सरल है और इस पोजीशन में प्रवेश और गहरे प्रवेश के लिए काफी बेहतर एंगल होता है.


पद जहाज पोजीशन
यह सेक्स पोजीशन ज्यादा पुरानी नहीं है. इसको प्रचलन में आए महज दो दशक ही हुए है. जैसे की नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें पांवों के उपर सवारी करके चरमोत्कर्ष को पाया जाता है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला करवट लेकर लेट जाती है. इसके पश्चात वह अपनी उपर वाला पैर आसमान की ओर (उपर) उठा ले. इस प्रक्रिया के बाद उसका पार्टनर उसके निचले पांव की जांघों के उपर घुटनों के बल बैठ जाए फिर प्रवेश की प्रक्रिया चालू करें. प्रवेश के दौरान महिला चाहे तो अपने पांव पुरुष के कंधे पर रख सकती है या पुरुष उसके पांवों को अपने हाथ से सहारा देकर पांव सीधा रख सकता है.
उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी साइड के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है साथ ही पार्टनर की जांघों के दबाव व भार को भी कम कर सकती है. हाथः पुरुष अपने हाथों से महिला की टांगों को सहारा देकर गति सीमा के साथ खिलवाड़ करते हुए आनंद बढ़ा सकता है वहीं हाथों के द्वारा बाह्य गुप्तांग (भग क्षेत्र) और स्तनों को भी सहलाकर आनंदानुभूति बढ़ा सकता है.
- पीछे से प्रवेश यह मिशनरी और श्वान पोजीशन का मिला जुला रूप है. यह जी-स्पॉट सेक्स के लिये बेहतरीन पोजीशन मानी जाती है. इसके लिये महिला पेट के बल अर्थात उल्टी लेट जाए. और अपनी टांगे खोल ले. इसके पश्चात पुरुष उसके उपर लेटते हुए प्रवेश करे.

निद्रा देवी : यह पोजीशन काफी आरामदायक , काफी सहज और उकसाने वाली है. इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है और अपनी उपरी टांग उपर उठा लेती है. फिर पुरुष उसकी निचली जांघ के उपर योनि के सामने अपने लिंग को करते हुए सामानान्तर लेट जाता है. इस दौरान महिला और पुरुष आपस में लगभग ९० डिग्री का कोण बना रहे होते है. अब पुरुष प्रवेश के बाद महिला अपनी टांगे नीचे ले आती है जिससे पुरुष उसकी दोनो टांगों के बीच गति करता है.

मिशनरी पोजीशन
मिशनरी पोजीशन सर्वाधिक प्रचलित और पारंपरिक सेक्स पोजीशन है. एक सर्वेक्षण के मुताबिक 91 फीसदी लोग बहुधा इस सेक्स पोजीशन का प्रयोग सामान्यतः करते हैं . इस पोजीशन में स्त्री पुरुष के बीच सर्वाधिक समीपता होती है. मिशनरी पोजीशन दो विषमलिंगियों के बीच होने वाले सेक्स में सबसे ज्यादा बार और ज्यादा सहज व ज्यादा पसंद की जाने वाली पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल टांगे फैला कर (या बंद करके) लेट जाती है फिर पुरुष उसके उपर आकर करीब जाते हुए प्रवेश की क्रिया दोहराता है. इस दौरान वह अपने हाथों के सहारे अपने शरीर के वजन को सम्हालता है. इस पोजीशन में पुरुष को पूरी स्वतंत्रता होती है कि वह किस गति और तरीके से रति क्रिया का संचालन करे. यदि वह सेक्स क्रिया के दौरान महिला के दौरान काफी करीब (नीचे झुकना) आता है तो इस दौरान वह महिला के शरीर के उपरी हिस्से पर अपने शरीर का कुछ वजन हल्का करते हुए आराम की अवस्था में आ सकता है. इस पोजीशन में महिला अपने शरीर का बीच का हिस्से को अपने पैर की सहायता से धक्के के लिये प्रयुक्त कर सकती है (जब वह कामोन्माद की अवस्था में हो या तीव्र धक्कों का आनंद लेना चाहे) या फिर अपने पैरों को पुरुष की कमर में लपेट कर पुरुष की गति को कम कर सकती है. इस रतिक्रीड़ा के दौरान महिला पुरुष के चेहरे एक दूसरे के सामने व काफी निकट होने से चुंबन क्रिया भी बेहतर तरीके से हो सकती है. लेकिन यदि महिला गर्भवती हो तो उसे इस पोजीशन से बचना चाहिए साथ ही पीठ में दर्द रहने वाले भी इससे बचे. पीठ दर्द वाली महिला के लिये तौलियो का गोला बनाकर पीठ के नीचे और तकिया घुटनों के नीचे रखकर सेक्स करना चाहिए. यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित पोजीशन है. ग्रामीण क्षेत्रों में सौ फीसदी लोग यही पोजीशन अपनाते हैं.
उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है हाथः इस पोजीशन में महिला अपने हाथों से पुरुष की पीठ को सहलाते हुए उसे और उन्मत्त कर सकती है या फिर अपने हाथों से पुरुष की पसंदीदा जगहों को और उत्तेजित कर सकती है. पुरुष को कूल्हों पर थपथपा कर गति और तेज कर सकती है.

कंधों में मिशनरीः
इसके लिये मिशनरी पोजीशन में महिला अपने पांव उठा कर पुरुष की कमर में लपेट ले फिर धीरे-धीरे पांवों को पुरुष के कंधों की ओर ले जाए. अंत में महिला अपने पांव पुरुष के कंधों में फंसा ले. इस दौरान पांवों को कंधो तक ले जाने में पुरुष सहायता कर सकता है. इसमें पुरुष को गहरे सेक्स के लिये बेहतर एंगल मिलता है.

घुटनों में मिशनरीः 
उपरोक्त पोजीशन के बाद महिला अपने पांव फैलाते हुए कंधों से उतार लेती है. और घुटनों को मोड़ते हुए पंजों के सहारे पैर करके एड़ियां उठा लेती है . इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ जाता है और घुटनों के नीचे से हाथ ले जाकर महिला की जांघों को सहारा देते हुए प्रवेश की क्रिया प्रारंभ करता है.

पीछे से प्रवेश
इसमें पोजीशन में पुरुष अपने लिंग का प्रवेश स्त्री की योनि में कराता है जब वह स्त्री के पीछे होता है. इस पोजीशन में महिला का चेहरा पुरुष के दूसरी ओर रहता है और महिला इसमें पेट के बल लेटती है. इसी अवस्था में लेटे हुए वह अपनी टांगों को फैला लेती है. ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र खुलकर सामने दिखने लगता है. इस दौरान पुरुष प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश के दौरान योनि की बाह्य दीवार पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का आनंद लिया जा सकता है. यह पोजीशन गहरे प्रवेश और बलशाली धक्कों को अनुमति देती है इस लिये गर्भवती महिलाओं को इस पोजीशन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. पहली में जब महिला अपनी टांगे खोल कर लेटे, इसमें गहरा प्रवेश मिलता है . दूसरे में महिला जब टांगे चिपका कर (बंद कर ) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता है. इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस यही है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं बनता साथ ही इसमें चुंबन और स्तन मर्दन नहीं किया जा सकता है.

सेक्स पोजीशन - जब महिला उपर हो

जब महिला उपर हो:
पोजीशन ही सेक्स क्रिया का महत्वर्ण पड़ाव होता है. तमाम प्रयासों का निष्कर्ष इसी पर आकर शुरू होता है. सेक्स पोजीशन की महत्ता प्राचीन काल से ही रही है. इसपर वात्सायन ने भी काफी कुछ दिया है, तो चीन में भी काफी कुछ नया मिला हैपाश्चात्य देशों ने भी इस पर काफी कुछ नया किया है. हिन्दुस्तान में मुगलों ने रति क्रीड़ा के आसनों को एक नया आयाम और रूप दिया. वहीं आज इसपर काफी कुछ शोध होते होतेकई आनंददायी रूपों में निखर कर सामने आया है|

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर के उपर होती है. सम्भोग् के अनुसार इसमें औरत अपने पार्टनर के उपर रह कर सम्पूण आनंद लेती है. विन्यास के अनुसार इसमें रिसीवर अपने पार्टनर के उपर रह कर आनंद की नाव खेता है. इस पोजीशन में प्रवेश गहराई तक होता है तथा नियंत्रण काफी कुछ हद तक महिला के पास रहता है. इस पोजीशन में महिला रति क्रीड़ा की गति और योनि में लिंग के प्रवेश की गहराई सहित उसके धक्के को नियंत्रित कर सकती है. इसलिये जब महिला तेज सेक्स से डरती हो तथा सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष महिला को पावर का प्रयोग करते देखना चाहता है उनके लिये यह पोजीशन काफी बेहतर है.

कलाबाज पोजीशन :
यह पोजीशन सेक्स के चरम तक जाकर आनंद लेने वालों के लिये है. इस पोजीशन को सहजता से पाने का तरीका यह है कि इसके लिये पुरुष को अपनी पीठ के बल लेट जाने दे. फिर उसके लिंग के उपर योनि को ले जाकर महिला घुटनों तक अपने पैर बिस्तर पर सीधे कर ले फिर घुटनों के उपर जाघों को सीधा करते हुए योनि को धीरे धीरे लिँग में प्रवेश कराएं. इसके पश्चात महिला पुरुष के उपर पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाए. यह पोजीशन कलाबाज पोजीशन कहलाएगी. इस पोजीशन में पुरुष पर स्ट्रोक करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन नियंत्रण महिला का ही होता है.
तकियाः इस पोजीशन में ज्यादा आनंद के लिये उसके पीछे तकिया रखा जा सकता है.
हाथों का प्रयोगः इसके तहत महिला को ज्यादा आनंद देने के लिये पुरुष उसके सीने के साथ खिलवाड़ कर सकता है

एशियन घुड़सवारः
इसमें महिला ही मोर्चा संभालती है. यह फुर्तीले और जोशीले लोगों का पसंदीदा आसन है. इसमें महिला पुरुष के उपर अपने दोनो पैरों कों मोड कर अपने आगे का हिस्सा मतलब अपना मुहं पुरुष के पैरों के सामने (उकड़ू) होकर अपनी योनि उसके लिँग में प्रवेश कराती है. तथा पुरुष उसके नितम्बोँ को अपने हाथों से सहारा देता है. घुड़सवारः यह तरीका एशियन घुड़सवार पोजीशन से मिलता जुलता है. इसमें प्रवेश व संभोग की तीव्रता काफी तेज रहती है. इसमें महिला अपनी टांगे बिस्तर पर फैला घुटनो को मोड कर घुटनो के बल पुरुष के लिँग के उपर बैठती है. उपर नीचे होने में सहायता के लिये पुरुष अपने हाथों से उसके कमर के पास से सहारा देता है.


उल्टा पीछे से प्रवेशः

यह तरीका कलाबाज से मिलता हूआ है. इसमें कलाबाज पोजीशन में थोड़ा बदलाव करते हुए महिला को अपने पांव खोल कर सीधे कर लेने हैं तो पुरुष को घुटनों से अपने पांव उपर उठा लेना है. यह तरीका पुरुष को महिला के अंगों को सहलाने का पूरा मौका देता है. इस तरीके में महिला के पास पूरी कमान नहीं होती है क्योंकि वह अपना भार स्थिर रखने की वजह से नियंत्रण से पकड़ कमजोर हो जाती है. इसमें घर्षण और हरकत की पूरी जिम्मेदारी पुरुष पर होती है.

चेहरे पर सवारीः 

काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेट जाता है और महिला घुटनों के बल अपनी योनि पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है. रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल अपनी योनि को अन्दर कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है.

अमेजॉन पोजीशन :
यह पोजीशन कमजोर लोगों के लिये नहीं है, इस पोजीशन में कठोर महिला ही उपर होती है. यह प्रवेश का आसान तरीका भी नहीं है. यह पोजीशन महिला को नियंत्रण का इन्द्रियबोध और पावर प्रदान करती है, जो कि ज्यादातर पोजीशनों में नहीं पाई जाती है. इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर को विहंगम रूप से देख सकती है तो इस पोजीशन में खुद उसके स्तन व आसपास के क्षेत्र एक नए कोण से एक्सपोज होते है जो उत्तेजना की वृद्धि में सहायक होती है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट कर अपने पांव उपर उठा कर घुटनों से मोड़ लेता है. इसके पश्चात महिला पुरुष के कूल्हों के सहारे अपने कूल्हे को टिकाते हुए अपनी चूत को उसके लंड में प्रवेश कराती है. इस दौरान पुरुष अपने पैरों से उसे कांख के पास से सहारा देता है तो महिला स्वयं अपने हाथों से पांवों को पकड़ कर बैलेंस बनाते हुए स्वयं का सहारा लेती है. उन्नयन तकियाः इस पोजीशन को ज्यादा मजेदार व आनंददायी बनाने के लिये पुरुष अपने नीचे तकिया लगा सकता है.

हत्थाकुर्सी पोजीशन

यह काफी सृजनात्मक पोजीशन है. यह पोजीशन काफी आनंद भरी होती है जब यह अपनी लय से नीचे आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने पांव सीधे फैला कर हाथ के सहारे बैठ जाता है. इसके पश्चात महिला उसके लिङ् के उपर अपनी योनि ले जाकर अपने पांव उसके कंधे पर रखती है. इसके बाद महिला अपने कंधे की सीध में अपने हाथ ले जाकर हाथों के सहारे अपने कूल्हे को गति प्रदान कर रति क्रीड़ा करती है. हालांकि कुछ समय के लिये इस पोजीशन में महिला को कुछ अतिरिक्त जोर झेलना पड़ता है. लेकिन अभ्यास के बाद यह पोजीशन काफी आनंददायी हो जाती है

घुड़सवार पोजीशन

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है इसमें महिला ऐसा व्यवहार करती है मानों वह घुड़सवारी कर रही है. जिस तरह घुड़सवारी के दौरान घुड़सवार घोड़े के झटके से उपर नीचे उछलता है ठीक कुछ ऐसी ही स्थिति रतिक्रीड़ा के दौरान महिला बनाती है. यह किसी महिला की सबसे पसंदीदा पोजीशनों में से एक है. साथ ही यह उन महिलाओं की भी पसंद है जिसमें शुरुआत करने का अधिकार वे अपना मानती है और पुरुष उनको ऐसा करते देखना पसंद करते हैं. इसमें पुरुष अपनी पीठ केबल लेट जाता है. इस दौरान चाहे तो वह तकिये के सहारे कंधा /सिर का हिस्सा उठा सकता है. अब महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करके बैठ जाए . इस दौरान पुरुष का शरीर महिला की दोनों टांगों के बीच होगा तथा महिला की योनि पुरुष के लिंग के उपर या सामने होगी. इसके पश्चात घुड़सवार पोजीशन दो तरीकों में बंट जाती है. पहले तरीके में महिला अपने चेहरे को पुरुष के चेहरे के काफी करीब ले जाती है. इससे उसे चूमने का अवसर मिलता है. इस दौरान वह अपने हाथ पुरुष के कंधे के बगल से टिका कर सहारे के रुप में प्रयोग करती हैतथा इसमें उसके पांव बिस्तर के समानान्तर होते है. दूसरे तरीके में महिला अपने हाथ पीछे की ओर करके अपने को पीछे की ओर झुका लेती है. इस तरीके में पुरुष को योनि में लिंग प्रवेश का पूरा दृश्य दिखाई देता है जो उसे तीव्र उत्तेजना में सहायक होता है.

एशियन घुड़सवार पोजीशन

यह घुड़सवार पोजीशन से लगभग मिलती जुलती पोजीशन है . महज थोड़े से अंतर से यह घुड़सवार पोजीशन से थोड़ी अलग हो जाती है. इसमें महिला को पुरुष द्वारा कुछ ज्यादा सपोर्ट मिल जाता है. घुड़सवार पोजीशन में बिस्तर के समानान्तर फैले पांवों पर घुटनों के बल रतिक्रीड़ा थोड़ी स्थिर सी लगती है लेकिन जवां और फुर्तीले लोगों के लिये इसमें थोड़ा परिवर्तन कर एशियन घुड़सवार पोजीशन बनी है. इसमें महिला अपने पांव बिस्तर के लंबवत कर लेती है और घुटनो से मोड़ कर सीधे योनि को लिंग के उपर ले आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल सीधे लेट जाए और महिला उसके कूल्हों से अपने पांव सटा कर खड़ी हो जाए फिर घुटनों से पांव मोड़ते हुए बैठने की कोशिश करें अंततः एशियन घुड़सवार पोजीशन बन जाएगी. हालांकि इस पोजीशन में महिला को रति क्रीड़ा में मेहनत ज्यादा लगती है लेकिन पुरुष महिला को कूल्हों पर हाथ से सहारा देकर इस पोजीशन को शानदार बना सकता है.

मिश्रित पोजीशन

यह हत्था कुर्सी पोजीशन के बेहतरीन फेरबदल का नतीजा है. यह तरीका प्रवेश के बाद शानदार घर्षण का अवसर उपलब्ध कराता है, जो आनंद में गुणात्मक वृद्धि कराता है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने हाथों के सहारे पैर फैला कर बैठ जाए. फिर महिला भी उसी तरह पैर फैलाते हुए हाथ के सहारे थोड़ा पीछे झुकते हुए अपनी योनि को पुरुष के लिंग के ऊपर ले जाए. इस दौरान उसके पांव घुटनों के पास से थोड़ा मुड़े होते है. जो उसे उपर-नीचे होने के लिये सहायता प्रदान करते हैं. हालांकि इस पोजीशन में महिला के हाथों पर थोड़ा जोड़ पड़ने पर थकान का अनुभव करते है रतिक्रीड़ा की गति को प्रभावित करते हैं. लेकिन यह सेक्स पोजीशन तब विस्फोटक और परमानंददायी होती है जब महिला कठोर व मजबूत मसल्स पावर वाली होती है.

शाही पोजीशन
इस पोजीशन मे महिला पुरुष का चेहरे से बेहतर संपर्क रहता है. इस पोजीशन में दोनों के बीच काफी निकटता रहती है और यह पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा के दौरान एक दूसरे को चुंबन करने में ज्यादा रुचि रखते हैं. इस पोजीशन के लिये पुरुष किसी पलंग या उस जैसे किसी अन्य जगह पर पांव नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग के उपर या सामने अपने योनि को ले जाते हुए अपनी टांगे सामने फैला देती है. साथ ही महिला के हाथ पुरुष के शरीर से सहारा लेने के काम आते है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो अपने हाथ पीछे कर सहारे के रुप में प्रयुक्त कर सकता है वहीं दूसरी ओर हाथों को महिला के कूल्हों या कमर के पास से सहारा देकर धक्कों में मदद के साथ गति भी बढ़ा सकता है. बदकिस्मती से चित्र में दिखाई गई पोजीशन धक्कों के हिसाब से उतनी बेहतर नहीं कही जा सकती (जितनी रेटिंग में दिखाई गई है) . पोजीशन के संपूर्ण आनंद के लिये स्टूल या चेयर का प्रयोग करें इसमेंमहिला को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते हैं. इसके अलावा भी इसमें अपने हिसाब से बैठने की व्यवस्था बनाकर पोजीशन को ज्यादा आनंददायी बनाया जा सकता

तितलीः 
इसमें महिला पलंग /सोफा/टेबल/काउंटर या इस जैसी किसी भी चीज के किनारे पीठ के बल लेट कर अपनी टांगे उपर की उठाकर पुरुष के कंधे पर टिका दे और पुरुष स्थिति अनुसार घुटनों के बल या खड़े होकर रतिक्रीड़ा को अंजाम दे.

उल्टीशाही पोजीशन
यह पोजीशन शाही पोजीशन की ही तरह है बस इसमें महिला अपनी चेहरा पुरुष के चेहरे के दूसरी ओर कर लेती है. एक तरह से यह पीछे से प्रवेश की भी पोजीशन है. इसमें पुरुष की स्थिति ठीक शाही पोजीशन की ही तरह रहती है लेकिन महिला पुरुष की ओर पीठ करके ठीक उसके लिंग के सामने अपनी योनि को लाकर खड़ी होती है. फिर धीरे से योनि को लिंग में प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला काफी आरामदायक स्थिति में रहती है. इसमें उसे सहारा उसके पैरों से मिलता है जिससे उसे चोदने में भी आसानी होती है. यह पोजीशन आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तनशील है इसलिये इसे कुछ अन्य आइडिया के साथ दूसरे फर्नीचर पर भी अपनाई जा सकती है.

अंगरक्षकः 
इस पोजीशन में महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है.

श्वान: 
इस पोजीशन में महिला को कुछ -कुछ श्वान की सी स्थिति में आना पड़ता है. इसके लिये महिला पेट के बल सीधी लेट जाए फिर घुटनों को मोड़ते हुए कमर को उठाना शुरु करे फिर चाहे तो सिर की ओर कोहनी से शरीर को सहारा दे या फिर स्तनों के पास से या पूरे हाथ से . तत्पश्चात पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ कर या फिर सुविधानुसार खड़े होकर अपना लिंग महिला की योनि में प्रवेश करा सकता है.

उल्टी मिशनरी पोजीशन
यह पोजीशन वास्तव में सबसे आरामदायक और सरल पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके उपर लेट कर प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला का उपरी हिस्सा मसलन गाल, गला, स्तन चुंबन के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करते है.

कंडोम का सही इस्तेमाल बढ़ाता है सेक्स का आनंद

आमतौर पर पुरूष कंडोम पहनना पसंद नहीं करते। इतना ही नहीं, एक सर्वें में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में पुरूष गलत तरीके से कंडोम पहनते हैं। क्या आप जानते हैं कंडोम से बेहतर सुरक्षा कोई भी चीज नहीं दिला सकती। ऐसे में जरूरी है कि आप कंडोम का इस्तेमाल करें और सही तरीके से करें। आइए जानें कंडोम यूज करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में।

क्या कहती है रिसर्च
हाल ही में कनाडा में हुए एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि यूं तो पुरूष कंडोम पहनने में आना-कानी करते ही हैं लेकिन जो पुरूष कंडोम पहनते भी हैं उनमें से 94 फीसदी पुरूष कंडोम पहनने के दौरान कई गलतियां कर जाते हैं, जिससे वे सेक्स को पूरी तरह से एन्जॉय नहीं कर पाते।

रह जाती है हवा
कई बार कंडोम पहनने के दौरान या जल्दबाजी में कंडोम में हल्का सा उभार रह जाता है। ये उभार कुछ और नहीं बल्कि हवा होती है। ऐसे में आप कंडोम का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि उसमें हवा ना जाए। दरअसल, कंडोम में हवा होने से कंडोम के ना सिर्फ फटने का डर रहता है बल्कि इससे लेटेक्स पर भी अधिक दबाव पड़ता है।

नहीं करते लुब्रिकेंट का प्रयोग
कई बार पुरूष कंडोम पहनने के दौरान या कंडोम पहनने से पहले लुब्रिकेंट यानी किसी ऑयल या मॉश्चराइजर का प्रयोग नहीं करते जिससे सेक्स के दौरान पुरूषों को अधिक घर्षण होता है, ऐसे में पुरूष सेक्स को पूरी तरह से एन्जॉय नहीं कर पाते। दरअसल, कंडोम पहनने से पहले किसी अच्छी क्वालिटी के मॉश्चराइजर या ऑयल का इस्तेमाल करने से कंडोम पहनने के बाद भी सेक्स का आनंद बरकरार रहता है।

कंडोम की जांच नहीं करते
कई बार पुरूष एक्साइटमेंट में या फिर जल्दबाजी के दौरान कंडोम को चैक नहीं करते। जिससे वे सेक्स के फुल एन्जॉयमेंट से वंचित रह जाते हैं। आप यदि कंडोम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो पूरी तरह से सुनिश्चित कर लें कि उसको आपने ठीक तरह से पहना है।

खराब कंडोम का इस्तेमाल
कई बार पुरूष पुराने कंडोम का इस्तेमाल करते हैं और बिना चैक किए कंडोम के इस्तेमाल से हो सकता है कि कंडोम की एक्सपायरी डेट निकल चुकी हो, या फिर ये भी हो सकता है कि कंडोम कहीं से कट-फट गया हो या अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हो गया हो। ऐसे में आपको कंडोम यूज करने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वो पूरी तरह से ठीक हो।

समय से पहले ही पहने कंडोम
कई बार पुरूष फॉरप्ले के दौरान कंडोम नहीं पहनते बल्कि पूरी तरह एक्साइटेड होने पर ही कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। इससे कई बार वे डिस्चार्ज होने लगते हैं, जिसका उन्हें अहसास नहीं होता। इससे प्रेग्नेंसी का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में सुरक्षा के साथ आपको समय से पहले ही कंडोम पहन लेना चाहिए।

इन टिप्स को अपनाकर आप ना सिर्फ सेक्सुअल डिसीज से बच सकते हैं बल्कि आप कंडोम के इस्*तेमाल के बावजूद सेक्स का भरपूर मजा भी ले सकते हैं।