जब स्त्री-पुरुष दोनों एक दूसरे को यौन सुख देने के लिये एक दूसरे का हस्तमैथुन करते है तो उसे अंग्रेजी में नाम दिया गया है-"ओननिज़्म"।
हस्तमैथुन एक व्यक्ति के जननांगों की यौन उत्तेजना को भी प्रभावित करता है। आमतौर पर संभोग से पूर्व स्त्री-पुरुषों में यह उत्तेजना मैन्युअली प्राप्त की जाती है। शारीरिक सम्पर्क (संभोग से कम) किये बिना अन्य प्रकार की वस्तुओं या उपकरणों के उपयोग द्वारा भी परस्पर हस्तमैथुन एक आम बात है जो एक पुरुष साथी अपनी दूसरी महिला साथी को अधिक समय तक यौन सन्तुष्टि प्राप्त करने के लिये करते हैं। अंग्रेजी में इसे "फोरप्ले" कहा जाता है।
पुरुषों और महिलाओं में और भी तकनीकों से हस्तमैथुन के लक्षण पाये जाते हैं, लेकिन इन तरीकों से हस्तमैथुन के अध्ययन में यह पाया गया है कि हस्तमैथुन स्त्री या पुरुष दोनों ही लिंगों और सभी उम्र के इंसानों में अक्सर होता है। यद्यपि वहाँ भिन्नता हो सकती है पर अपवाद नहीं। विभिन्न चिकित्सा पद्धति से मनोवैज्ञानिक लाभ पहुँचा कर यौन क्रिया को सामान्य करने के लिये भी हस्तमैथुन को स्वस्थ प्रक्रिया ठहराया गया है।
सदियों से चली आयी यह धारणा आज गलत सिद्ध हो चुकी है कि हस्तमैथुन से शारीरिक अक्षमता आती है बल्कि आधुनिक चिकित्सा शास्त्र में "प्रतिदिन एक ओगाज़्म (यौनतुष्टि) हमेशा-हमेशा के लिये डॉक्टर को दूर रखता है।" जैसा क्रान्तिकारी नारा भी मैराथन (लम्बे) स्वास्थ्य के लिये दे दिया गया है।
प्रोस्टेट ग्रंथि एक अंग है जो वीर्य के लिये तरल पदार्थ का योगदान करता है, जैसा कि प्रोस्टेट को गुदा के अन्दर उँगली डालकर महसूस किया जा सकता है। ऐसा करने से भी कभी-कभी आनन्द मिलता है; अत: यह भी हस्तमैथुन का एक तरीका है।
म्युचुअल हस्तमैथुन सभी यौन झुकाव के लोगों द्वारा किया जाने वाला एक अभ्यास है जो पुरुष-लिंग को स्त्री-योनि में प्रवेश किये बिना एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। किशोरियों में उनके कौमार्य को संरक्षित करने के लिये या गर्भावस्था को रोकने के लिये भी यह सहायक हो सकता है। कुछ लोग इसे आकस्मिक सेक्स करने के लिये भी एक विकल्प के रूप में चुनते हैं, क्योंकि यह वास्तविक सेक्स के बिना ही यौन-सन्तुष्टि देता है। कुछ युवा लोगों के लिये, अपने दोस्तों के साथ परस्पर एक दूसरे का लिंग आपस में रगडकर यौन सन्तुष्टि में मदद करता है। कुछ लोगों को यह मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया उनके अपने ओगाज़्म को विकसित करने अथवा अपने सुख में वृद्धि करने के लिये अधिक समय तक हस्तमैथुन करने के लिये प्रेरित भी करती है।
परस्पर हस्तमैथुन जोड़े या समूहों में पुरुषों या महिलाओं द्वारा किया जा सकता है या फिर किसी अन्य व्यक्ति को छूकर या बिना सम्पर्क द्वारा भी सम्पन्न हो सकता है।
हस्तमैथुन एक व्यक्ति के जननांगों की यौन उत्तेजना को भी प्रभावित करता है। आमतौर पर संभोग से पूर्व स्त्री-पुरुषों में यह उत्तेजना मैन्युअली प्राप्त की जाती है। शारीरिक सम्पर्क (संभोग से कम) किये बिना अन्य प्रकार की वस्तुओं या उपकरणों के उपयोग द्वारा भी परस्पर हस्तमैथुन एक आम बात है जो एक पुरुष साथी अपनी दूसरी महिला साथी को अधिक समय तक यौन सन्तुष्टि प्राप्त करने के लिये करते हैं। अंग्रेजी में इसे "फोरप्ले" कहा जाता है।
पुरुषों और महिलाओं में और भी तकनीकों से हस्तमैथुन के लक्षण पाये जाते हैं, लेकिन इन तरीकों से हस्तमैथुन के अध्ययन में यह पाया गया है कि हस्तमैथुन स्त्री या पुरुष दोनों ही लिंगों और सभी उम्र के इंसानों में अक्सर होता है। यद्यपि वहाँ भिन्नता हो सकती है पर अपवाद नहीं। विभिन्न चिकित्सा पद्धति से मनोवैज्ञानिक लाभ पहुँचा कर यौन क्रिया को सामान्य करने के लिये भी हस्तमैथुन को स्वस्थ प्रक्रिया ठहराया गया है।
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