Saturday, 5 October 2013

सेक्स शिक्षा

सेक्स शिक्षा को लेकर लंबे समय से बहस जारी है कि क्या गलत है सेक्स शिक्षा। यदि हां, तो किस उम्र के बच्चों को सेक्स शिक्षा देनी चाहिए। यदि नहीं, तो क्यों । ये तमाम तरह के सवाल अक्सर सेक्स शिक्षा का नाम आते ही उठ खड़े होते है। लोग आज भी सेक्स शिक्षा के बारे में बात करने से कतराते हैं। यौन शिक्षा का नाम आते ही ऐसा लगने लगता है कि कोई विस्फोट हो गया। लेकिन आज वास्तव में क्या सेक्स शिक्षा गलत है या नहीं, आइए जानते हैं।
  1. बच्चें हमेशा से ही अपने अंदर आने वाले परिवर्तनों के प्रति जागरूक रहते हैं। जानने की ये प्रबल इच्छा के कारण ही वे टीवी, पञ-पञिकाओं और इंटरनेट से आधी-अधुरी जानकारी जुटा पाते हैं जो कि बच्चे के मनोविज्ञान के लिए हानिकारक हो सकती है। ऐसे में यदि बच्चे को सही तरह से यौन शिक्षा दी जाए तो बच्चे के भटकने की संभावनाएं कम होंगी। सेक्स शिक्षा का होना एक मात्र प्रमाणित ज्ञान एवं सही शिक्षा का ज़रिया है|
  2. कई बार कुछ बच्चों को सेक्स समस्याएं होती हैं जो कि वे अपने अभिभावकों को बता पाने में असमर्थ होते हैं। लेकिन स्कूल में यौन शिक्षा होने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह न सिर्फ अपनी समस्याओं के प्रति जागरूक होगा बल्कि सही समय पर अपने अभिभावकों को भी इससे रूबरू करवा पाएगा।
  3. वर्तमान में आंकड़ो पर विश्वास किया जाए तो यौवनावस्था में शहरों के लड़के-लड़कियां हर चार में से एक अपना कौमार्य भंग कर चुके होते हैं। ऐसे में स्कूलों में सेक्स शिक्षा देना और भी जरूरी हो जाता है। जिससे युवाओं को एक परिपक्व निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
  4. बच्चों को सेक्स शिक्षा के दौरान न सिर्फ सेक्स समस्याओं से रूबरू करवाया जा सकता है बल्कि जल्दी उम्र में सेक्स करने के नफा-नुकसान इत्यादि के बारे में भी बताया जा सकता है।
  5. बच्चों में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों, बदलते हार्मोंस, सेक्स के दौरान रखी जाने वाली सावधानी आदि के बारे में बताना तो महत्वपूर्ण होता ही है साथ ही सेक्स शिक्षा के दौरान एचआईवी एड्स संक्रमण और इसी तरह के अन्य संक्रमण के बारे में जानकारी देना भी जरूरी होता है।
  6. स्कूलों में सेक्स शिक्षा से युवाओं में सेक्स सम्बंधित जानकारी को बेहतर करने के साथ ही युवाओं के दृष्टिकोण एवं व्यवहार में भी पैनापन लाती है।
  7. स्कूलों में यौन शिक्षा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अक्सर अभिभावक बच्चों से ऐसे विषयों के बारे में बात करने में संकोच करते हैं|
  8. यौन शिक्षा संबंधी सामग्री संतुलित होनी चाहिए। न तो इसमें एकदम खुलापन हो और न ही इसे बिल्कुल खत्म कर दिया जाए। यह कहना कि बच्चों को यौन शिक्षा देने की आवश्यकता नहीं है एकदम बेहूदा तर्क है।
  9. यदि बच्चों को यौन शिक्षा नहीं दी जाए तो वे गलत फैसला ले सकते हैं जिससे उनके भविष्य और स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ सकता है।
  10. इसके साथ ही बच्चों को एचआईवी एड्स, नशीले पदार्थ की लत आदि के बारे में समुचित जानकारी देकर उनको मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए भी तैयार करना चाहिए क्योंकि सही रूप में दी गयी सेक्स शिक्षा यौन संचारित रोगों को रोकने में सहायक साबित हो सकती है|
  11. सेक्स शिक्षा न दिए जाने से कई गलत परिणाम भी होते हैं, जैसे, नाबालिग बलात्कार, किशोर गर्भावस्था, यौन संचारित रोग, कामुकता का दुरूपयोग इत्यादि भी हो सकते हैं|

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