Saturday, 5 October 2013

कैसे करें साथी से कामसूत्र की बात

आमतौर पर प्रेमी-प्रेमिका या पति-पत्नी एक दूसरे से सम्भोग क्रियाओं अथवा कामसूत्र की चर्चा करने में कतराते हैं। शायद इसका कारण समाज में सेक्स और सम्भोग सम्बन्धी जानकारियों के प्रति फैली गलत धारणा का होना है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि किसी भी युगल के संबंधों को और अधिक सुन्दर व मजबूत बनाने में अच्छे सम्भोग का विशेष महत्व होता है।

कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझाया गया है। इसीलिए यह ग्रंथ शिक्षा देता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम। शरीर और मन दो अलग-अगल सत्ता होने के बावजूद दोनों एक दूसरे का आधार होते हैं।

यदि आपके यौन जीवन में असंतुष्टि की स्थिति हो तो संबंधों के खराब होने यहां तक कि टूट जाने तक की नौबत आ जाती है। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपने साथी के साथ खुल कर बात करें। इससे आप वर्तमान व भविष्य में हो सकने वाली समस्यायों से बच सकेंगे। साथ ही कामसूत्र आपको इस बात की जानकारी देता है कि किस तरह आप अपने दांपत्य जीवन में अपने साथी के साथ संबंधों में सामंजस बनाकर उसे और अधिक खुशहाल, और रोमांचक बना सकते हैं।

जिन्होंने कामसूत्र या कामशास्त्र नहीं पढ़ा वे इसे महज सेक्स या संभोग की एक किताब मानते हैं, जबकि कामसूत्र सिर्फ सेक्स की किताब नहीं है, बल्कि इसमें सेक्स के अलावा व्यक्ति की जीवनशैली, पत्नी के कर्त्तव्य, गृहकला, नाट्‍यकला, सौंदर्यशास्त्र, चित्रकारी और वेश्याओं की जीवन शैली आदि जीवन के बारे में विस्‍तार से चर्चा की गई है।



एक दूसरे  का विश्वास जीतें:  
विश्वास किसी भी रिश्‍ते की बुनियाद होता है। अगर आप साथ हैं तो बहुत जरूरी है कि आप एक दूसरे पर विश्वास करें। अगर आप एक दूसरे पर पूर्ण विश्वास नहीं करेंगे तो इसका असर आपके आपसी शारीरिक और मानसिक संबंधों पर भी पड़ेगा।


बिस्तर में ना करें बात:
सम्भोग क्रियाओं से पहले, बाद में या इसके दौरान इस मुद्दे पर बात करने से बचें। कोई उपयुक्त समय चुनें। आप इस चर्चा के लिए कोई प्राकृतिक स्थान भी चुन सकते हैं।

अपने साथी के साथ कामसूत्र पर चर्चा करें:
कामसूत्र के किसी भी आसन का अनुसरण करने से पूर्व अपने साथी के साथ इस पर खुलकर चर्चा करें। कामसूत्र पुस्तक को पूरी तरह पढ़ें। यदि आप कामसूत्र का पूरा आनंद लेना चाहते हैं तो उसे ठीक प्रकार से पढ़े ताकि उसके किसी भी आसन या जानकारी का आपको सही ज्ञान हो जाये और पूरा आनंद मिल सके। हो सके तो पुस्तक को अपने साथी के साथ पढ़ें। और प्रत्येक विषय पर चर्चा करें। इस प्रकार से आप दोनों के बीच सामंजस्‍य की स्थिति बनी रहेगी।


सहयोग की भावना:
कामसूत्र आपके जीवन को सुखद बनाने की कुंजी है। इसका उद्देश्य मनुष्य के जीवन और संबंधों में मधुरता लाना है। इसलिए इसकी बताई किसी भी क्रिया में दोनों पक्षों में सहयोग होना बहुत आवश्यक है।

प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है। स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं। कामसूत्र मानता है कि प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है। दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है। शरीर ही शरीर को देखता है। स्त्री यदि संपूर्ण तरह से स्त्रेणचित्त है और पुरुष में पौरुषत्व है तो दोनों एक-दूसरे के मोहपाश से बच नहीं सकते।

आप कामसूत्र का अनुसरण यदि आपसी सहयोग से करते है तो इसमें कोई शक नहीं की आपको जीवन के परम आनंद की अनुभूति होगी। संभोग की चर्चा से कतराना या उस पर लिखी गई श्रेष्ठ किताबों को न पढ़ना एक प्रकर से अशिक्षित रहने जैसा है। कामसूत्र इसलिए लिखा गया था कि लोगों में सेक्स के प्रति फैली भ्रांतियां दूर हों और वे इस शक्ति का अपने जीवन को सुंदर बना सकें।

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