Saturday, 5 October 2013

सेक्स पोजीशन - जब पुरुष उपर हो


हम तब तक क्लासिकल म्यूजिक को नहीं समझ सकते जब तक कि उसे सुनकर उसकी गूढ़ता और भ्रामक सुन्दरता को समझने का प्रयास नहीं करते . कुछ ऐसा ही राग है सेक्स पोजीशन के मामले में जब पुरुष उपर हो. यहां अब वह समय आ गया है जब आदर्श (classic) पोजीशन को सभ्य व व्यवस्थित बनाएं तथा परीक्षण करके देखे कि किन कारणों से वे आदर्श पोजीशन हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब पुरुष उपर होता है तो इसका यह कतई आशय नहीं लगाना चाहिये कि महिला को इसमें नकारात्मक शक्तिशाली संबंधों का अनुभव होगा. न ही इन पोजीशनों को पुराने जमाने की बोरिंग पोजीशन कहा जा सकता है जैसा कि कुछ लोग आज कर पुरुष के उपर रहने वाली पोजीशन के बारे में सोचते हैं. इनमें महज कुछ परिवर्तन करके इन्हें शानदार अनुभव वाली पोजीशन भी बनाया जा सकता है. इन सभी पोजीशनों में धक्के का पूरा दारोमदार पुरुष पर होता है. किसी भी प्रारंभिक पोजीशन के पहले आपसी बातचीत महत्वपूर्ण होती है. यदि कम्युनिकेशन गैप रहेगा तो शायद कोई भी पोजीशन दोनों के लिये उतनी आनंददायी नहीं होगी जितने कि वे कल्पना करते हैं. मसलन हर महिला अपने पार्टनर का ऐसा आकार या ढांचा चाहती है जो उसे कामोन्माद की चरम स्थितितक पहुंचा सके और इसके लिये जरूरी है एक बेहतर पोजीशन की जो उससे चर्चा करके उसके सोचे गए आकार से मेल खाती हो और यह प्रयास पार्टनर के लिये प्रचण्ड कामोद्दीपक व तीव्र उत्तेजना प्रदान करने वाला होगा. यदि वे एक बार ऐसा करने में सफल हो गए तो वे अपने इष्टतम आनंददायी बिंदु पर निशाना साधते हुए सवारी का मजा ले सकेंगें. यहां यह बताना भी जरूरी है कि ज्यादातर पुरुष अपने को उपर रखने वाली पोजीशन इस लिये चुनते हैं ताकि पूर्ण उन्नत अवस्था को पा सकें. इस तरह पुरुषों के उपर रहने पर शक्तिशाली पोजीशन का होना इसका एक वास्तविक फायदा है. लेकिन इस पोजीशन में पुरुष शुरुआत से ही तेज गति और निकटता के साथ चलेंगे तो वे निश्चित तौर पर चरमोत्कर्ष के समय कमजोर और उत्तेजना खोने वाला भी बना सकती है क्योंकि वे सेक्स की कदमताल के कन्ट्रोल में नहीं रह पाते हैं. यह पोजीशन नये प्रवेश करने वालों के लिये काफी बेहतर होती है, लेकिन जब इसे सृजनात्मकता से लिया जाता है तो यह सभी वर्ग के लिए मजेदार होती है. इसलिये जरूरी है कि महिलाएं भी अपने पार्टनर को बताएं कि वह नियंत्रण में रहे तथा प्रयोग करके यह भी देखे कि किसमें उन दोनों को ज्यादा आनंद आता है.


ड्रिल पोजीशन
इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगें उपर उठा कर फैला लेती है. इसके बाद पुरुष जब प्रवेश करता है तो पुऱुष की कमर के पास से अपने पैरों की कैंची से बांध लेती है. यह पोजीशन काफी गहरे प्रवेश के लिए जानी जाती है. इसमें महिला के उठे पांव पुरुष को गहराई तक प्रवेश की अनुमति देते हैं.







महराब पोजीशन-
यह पोजीशन सेक्स का जमकर लुत्फ उठाने वाले लोगों की पसंदीदा पोजीशन है. थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन आनंददायी पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन में महिला अपनी टांगे सीधे फैलाकर पीठ के बल लेट जाती है फिर इस पोजीशन को पाने के लिये अपनी टांगों को पीछे खींच कर कमर से अपने को उपर उठाती है. इस तरह वह एक पुल नुमा आकृति बना लेती है. इसके पश्चात पुरुष उसकी योनि के सामने घुटनों के बल बैठकर प्रवेश क्रिया को अंजाम देता है. इस पोजीशन को कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि यह देखने में काफी कठिन सी लगती है लेकिन मूलतः यह पोजीशन काफी सरल है और इस पोजीशन में प्रवेश और गहरे प्रवेश के लिए काफी बेहतर एंगल होता है.


पद जहाज पोजीशन
यह सेक्स पोजीशन ज्यादा पुरानी नहीं है. इसको प्रचलन में आए महज दो दशक ही हुए है. जैसे की नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें पांवों के उपर सवारी करके चरमोत्कर्ष को पाया जाता है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला करवट लेकर लेट जाती है. इसके पश्चात वह अपनी उपर वाला पैर आसमान की ओर (उपर) उठा ले. इस प्रक्रिया के बाद उसका पार्टनर उसके निचले पांव की जांघों के उपर घुटनों के बल बैठ जाए फिर प्रवेश की प्रक्रिया चालू करें. प्रवेश के दौरान महिला चाहे तो अपने पांव पुरुष के कंधे पर रख सकती है या पुरुष उसके पांवों को अपने हाथ से सहारा देकर पांव सीधा रख सकता है.
उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी साइड के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है साथ ही पार्टनर की जांघों के दबाव व भार को भी कम कर सकती है. हाथः पुरुष अपने हाथों से महिला की टांगों को सहारा देकर गति सीमा के साथ खिलवाड़ करते हुए आनंद बढ़ा सकता है वहीं हाथों के द्वारा बाह्य गुप्तांग (भग क्षेत्र) और स्तनों को भी सहलाकर आनंदानुभूति बढ़ा सकता है.
- पीछे से प्रवेश यह मिशनरी और श्वान पोजीशन का मिला जुला रूप है. यह जी-स्पॉट सेक्स के लिये बेहतरीन पोजीशन मानी जाती है. इसके लिये महिला पेट के बल अर्थात उल्टी लेट जाए. और अपनी टांगे खोल ले. इसके पश्चात पुरुष उसके उपर लेटते हुए प्रवेश करे.

निद्रा देवी : यह पोजीशन काफी आरामदायक , काफी सहज और उकसाने वाली है. इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है और अपनी उपरी टांग उपर उठा लेती है. फिर पुरुष उसकी निचली जांघ के उपर योनि के सामने अपने लिंग को करते हुए सामानान्तर लेट जाता है. इस दौरान महिला और पुरुष आपस में लगभग ९० डिग्री का कोण बना रहे होते है. अब पुरुष प्रवेश के बाद महिला अपनी टांगे नीचे ले आती है जिससे पुरुष उसकी दोनो टांगों के बीच गति करता है.

मिशनरी पोजीशन
मिशनरी पोजीशन सर्वाधिक प्रचलित और पारंपरिक सेक्स पोजीशन है. एक सर्वेक्षण के मुताबिक 91 फीसदी लोग बहुधा इस सेक्स पोजीशन का प्रयोग सामान्यतः करते हैं . इस पोजीशन में स्त्री पुरुष के बीच सर्वाधिक समीपता होती है. मिशनरी पोजीशन दो विषमलिंगियों के बीच होने वाले सेक्स में सबसे ज्यादा बार और ज्यादा सहज व ज्यादा पसंद की जाने वाली पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल टांगे फैला कर (या बंद करके) लेट जाती है फिर पुरुष उसके उपर आकर करीब जाते हुए प्रवेश की क्रिया दोहराता है. इस दौरान वह अपने हाथों के सहारे अपने शरीर के वजन को सम्हालता है. इस पोजीशन में पुरुष को पूरी स्वतंत्रता होती है कि वह किस गति और तरीके से रति क्रिया का संचालन करे. यदि वह सेक्स क्रिया के दौरान महिला के दौरान काफी करीब (नीचे झुकना) आता है तो इस दौरान वह महिला के शरीर के उपरी हिस्से पर अपने शरीर का कुछ वजन हल्का करते हुए आराम की अवस्था में आ सकता है. इस पोजीशन में महिला अपने शरीर का बीच का हिस्से को अपने पैर की सहायता से धक्के के लिये प्रयुक्त कर सकती है (जब वह कामोन्माद की अवस्था में हो या तीव्र धक्कों का आनंद लेना चाहे) या फिर अपने पैरों को पुरुष की कमर में लपेट कर पुरुष की गति को कम कर सकती है. इस रतिक्रीड़ा के दौरान महिला पुरुष के चेहरे एक दूसरे के सामने व काफी निकट होने से चुंबन क्रिया भी बेहतर तरीके से हो सकती है. लेकिन यदि महिला गर्भवती हो तो उसे इस पोजीशन से बचना चाहिए साथ ही पीठ में दर्द रहने वाले भी इससे बचे. पीठ दर्द वाली महिला के लिये तौलियो का गोला बनाकर पीठ के नीचे और तकिया घुटनों के नीचे रखकर सेक्स करना चाहिए. यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित पोजीशन है. ग्रामीण क्षेत्रों में सौ फीसदी लोग यही पोजीशन अपनाते हैं.
उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है हाथः इस पोजीशन में महिला अपने हाथों से पुरुष की पीठ को सहलाते हुए उसे और उन्मत्त कर सकती है या फिर अपने हाथों से पुरुष की पसंदीदा जगहों को और उत्तेजित कर सकती है. पुरुष को कूल्हों पर थपथपा कर गति और तेज कर सकती है.

कंधों में मिशनरीः
इसके लिये मिशनरी पोजीशन में महिला अपने पांव उठा कर पुरुष की कमर में लपेट ले फिर धीरे-धीरे पांवों को पुरुष के कंधों की ओर ले जाए. अंत में महिला अपने पांव पुरुष के कंधों में फंसा ले. इस दौरान पांवों को कंधो तक ले जाने में पुरुष सहायता कर सकता है. इसमें पुरुष को गहरे सेक्स के लिये बेहतर एंगल मिलता है.

घुटनों में मिशनरीः 
उपरोक्त पोजीशन के बाद महिला अपने पांव फैलाते हुए कंधों से उतार लेती है. और घुटनों को मोड़ते हुए पंजों के सहारे पैर करके एड़ियां उठा लेती है . इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ जाता है और घुटनों के नीचे से हाथ ले जाकर महिला की जांघों को सहारा देते हुए प्रवेश की क्रिया प्रारंभ करता है.

पीछे से प्रवेश
इसमें पोजीशन में पुरुष अपने लिंग का प्रवेश स्त्री की योनि में कराता है जब वह स्त्री के पीछे होता है. इस पोजीशन में महिला का चेहरा पुरुष के दूसरी ओर रहता है और महिला इसमें पेट के बल लेटती है. इसी अवस्था में लेटे हुए वह अपनी टांगों को फैला लेती है. ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र खुलकर सामने दिखने लगता है. इस दौरान पुरुष प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश के दौरान योनि की बाह्य दीवार पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का आनंद लिया जा सकता है. यह पोजीशन गहरे प्रवेश और बलशाली धक्कों को अनुमति देती है इस लिये गर्भवती महिलाओं को इस पोजीशन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. पहली में जब महिला अपनी टांगे खोल कर लेटे, इसमें गहरा प्रवेश मिलता है . दूसरे में महिला जब टांगे चिपका कर (बंद कर ) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता है. इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस यही है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं बनता साथ ही इसमें चुंबन और स्तन मर्दन नहीं किया जा सकता है.

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