Saturday, 5 October 2013

पुरुष कैसे करते हैं हस्तमैथुन ?

पुरुष अपने शिश्न या लिंग को अपनी मुट्ठी में दबाकर या अपनी अँगुलियाँ से पकड़ कर इसे तेजी से रगड़ना या शिश्न के ऊपर की त्वचा को आगे-पीछे हिलाना शुरु करते हैं। यह प्रक्रिया कभी-कभी वे लिंगमुण्ड पर चिकनाई लगाकर भी करते हैं। इस कार्य में उन्हें अपार आनन्द की अनुभूति होती हैं। ये कार्य वे तब तक जारी रखते हैं जब तक उनका वीर्यपात या वीर्य स्खलन नहीं हो जाता।
इसके अतिरिक्त कभी कभार पुरुष तकिये के बीच में अपना लिंग दबा कर धीरे-धीरे आगे पीछे धक्का देते हुए इस तरह हिलाते हैं मानो वे किसी स्त्री की योनि में अपना पुरुषांग प्रविष्ठ कर रहे हों। अब तो कई प्रकार के नकली महिला जननांग भी बाजार में उपलब्ध हैं जो सॉफ्ट फाइवर के बने होते हैं और महिला जननांग जैसा ही अनुभव देते हैं। कुछ पुरुषों द्वारा इस प्रकार के उपाय भी स्वयं की यौन-सन्तुष्टि हेतु किये जाते हैं।





पुरुष हस्तमैथुन कैसे करे
हस्तमैथुन करना एक साधारण आदत है जिसे हर पुरुष पसंद करता है. छोटी अवस्था में ही उसे अपने लिंग की पहचान हो जाती है. ऐसा कहा जाता है की घर की नौकरानी बालक को चुप करने के लिए उस के लिंग की मालिश कर देती है. बालक भी थोडा बड़ा होने पर अपने लिंग से खेलना सीख जाता है. और आनंद उठाने के लिए अक्सर अपने लिंग को पकड़ कर सहलाता है. थोडा और बड़ा होने पर उसे चरम सीमा का आनंद आने लगता है. कुछ लोग इसे लिंग का दुरूपयोग या पाप कहते हैं. परन्तु जो लोग इसे लिंग का दुरूपयोग या पाप कहतें हैं वह स्वयं भी इस का आनंद लेते हैं. हाँ किसी भी बात को अधिकता में करने से हानि होती है यह बात हस्तमैथुन के लिए भी लागु होती है.

वास्तव में हस्तमैथुन शारीरक और मानसिक तनाव को दूर करने का एक अनूठा साधन है. जो राहत हस्तमैथुन से प्राप्त होती है वह सम्भोग से भी प्राप्त नहीं होती. हस्तमैथुन कल्पनाओं की उड़ान पर आधारित होता है और आप कल्पनाओं में किसी भी ऊंचाई तक जा सकते हैं. आप की कल्पना में संसार के सब से सुन्दर स्त्री या पुरुष आ सकते हैं, आप अपनी इच्छा से उन के साथ व्यवहार कर लड़ते हैं. आप का तीव्रता और धीमी गति पर नियंत्रण होता है. हस्तमैथुन में आप को अपने लिंग की क्षमता प्रदर्शित करने की भी आवश्यकता नहीं होती. आप और आप का हस्तमैथुन करने का तरीका ही आप के आनंद की सीमा को तह करते हैं.

 हस्तमैथुन कई प्रकार से किया जाता है. सब से साधारण तरीका है लिंग को अपने हाथ में ले कर सहलाना या तीव्रता से आगे पीछे करना, जब तक आप का वीर्य न निकल जाये. यह उन स्थानों के लिए बहुत उपयोगी है जहाँ जगह का अभाव या एकांत न हो. जैसे छोटे घर या संयुक्त परिवार में रहने वाले लोग. जहाँ एकांत केवल शौचालय या अपने बिस्तर में ही मिलता हो. ऐसे स्थानों में हस्तमैथुन का आनंद केवल वीर्य स्लखन तक ही सीमित होता है. समय का आभाव, स्थान का आभाव मजबूर कर देता है की हम तीव्रता से अपने आनंद तक पहुंचे. इस का दुष्परिनाम आने वाले समय में विवाह में पता चलता है. क्यूंकि बचपन से ही जल्दी समाप्त हो जाने की आदत पड़ जाती है. इस का अर्थ यह नहीं की मर्दानगी समाप्त हो चुकी है. आप मर्द थे, मर्द हैं, और मर्द ही रहेंगे बस केवल आप अपने साथी से पहले स्लखित हो जाते हैं. इस का उपाय एक दूसरा विषय है.

हस्तमैथुन अपनी आवश्यकता के अनुसार किया जाता है. दिन में एक बार, दो बार, या चार बार, जितनी आवश्यकता हो उतना हस्तमैथुन करें. हर बार वीर्य स्लखन होना भी आवश्यक नहीं है. दिन में एक बार वीर्य स्लखित हो जाना उचित है या जब भी आप का शरीर वीर्य को बाहर निकलने की आवश्यकता दर्शाए. यदि आप वीर्य को बाहर नहीं निकालेंगे तो वह अपने आप ही बाहर निकल जायेगा, जिसे स्वप्नदोष कहा जाता है. (कृपया ध्यान दें, स्वप्नदोष कोई बीमारी नहीं है. झूठे डाक्टरों और नीम-हकीमों के बहकावे में न आयें). यह शरीर की प्राक्रतिक क्रिया है.

हस्तमैथुन का सब से अच्छा तरीका यह है की आप अपने हाथ और लिंग पर तेल या कोई चिकना पदार्थ लगा लें. फिर हल्के हाथ से लिंग की मालिश करें जब तक लिंग पूरी तरह से सख्त न हो जाये. लिंग मुंड पर चिकनाई अच्छी तरह लगा कर उसे अपनी ऊँगली और अंगूठे के बिच प्रवेश कराएँ जैसे किसी योनी या गुदा में प्रवेश करा रहें हों. या फिर चारों उँगलियों और अंगूठे को मिला कर गोलाई का रूप दें और उस में अपने चिकने लिंग को ऐसे प्रवेश कराएँ जैसे किसी के मुख में प्रवेश करा रहें हों, मुखमैथुन मुद्रा में.

सख्त लिंग को कभी भी कस के न पकड़ें. चिकनाई के कारण घर्षण ऐसे करें जैसे की सम्भोग किया जाता है. कल्पना करें की आप का हाथ नहीं परन्तु वह आप के प्रियतम की योनी, मुख या गुदा है. यदि आप हस्तमैथुन को अधिक देर तक करना चाहते हैं तो बिच बिच में घर्षण क्रिया रोक कर अपने लिंग को सहलाएं या अपने अंडकोष से खेलें. आप ऐसा भी कर सकते हैं की दुसरे हाथ की एक ऊँगली में थोडा सा तेल कर उस से अपनी गुदा के चारों ओर और बिच में सहलाएं. ध्यान रहे की ऊँगली को गुदा में प्रवेश न करें. ऐसे केवल स्लखित होते समय ही करें. स्लखित होते समय गुदा में ऊँगली के प्रवेश से आप का चरम सीमा का आनंद दोगुना हो जायेगा साथ ही साथ वीर्य निकलने की तीव्रता भी बड़ जाएगी.

अब जब आप की लगने लगे की वीर्य स्लखित होने वाला है तो घर्षण की तीव्रता की बढ़ा दें परन्तु हल्के हाथ से. जोश और तनाव में सम्भव है की आप की पकड़ मजबूत हो जाये जिस के कारण नसों पर दवाब भी बड़ जायेगा जो आगे चल कर हानिकारक हो सकता है. इस समय आप के लिंग में खून का प्रवाह तेज़ी से हो रहा होता है. कस कर पकड़ने से खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

सख्त लिंग को कभी भी कस के न पकड़ें. चिकनाई के कारण घर्षण ऐसे करें जैसे की सम्भोग किया जाता है. कल्पना करें की आप का हाथ नहीं परन्तु वह आप के प्रियतम की योनी, मुख या गुदा है. यदि आप हस्तमैथुन को अधिक देर तक करना चाहते हैं तो बिच बिच में घर्षण क्रिया रोक कर अपने लिंग को सहलाएं या अपने अंडकोष से खेलें. आप ऐसा भी कर सकते हैं की दुसरे हाथ की एक ऊँगली में थोडा सा तेल कर उस से अपनी गुदा के चारों ओर और बिच में सहलाएं. ध्यान रहे की ऊँगली को गुदा में प्रवेश न करें. ऐसे केवल स्लखित होते समय ही करें. स्लखित होते समय गुदा में ऊँगली के प्रवेश से आप का चरम सीमा का आनंद दोगुना हो जायेगा साथ ही साथ वीर्य निकलने की तीव्रता भी बड़ जाएगी.

अब जब आप की लगने लगे की वीर्य स्लखित होने वाला है तो घर्षण की तीव्रता की बढ़ा दें परन्तु हल्के हाथ से. जोश और तनाव में सम्भव है की आप की पकड़ मजबूत हो जाये जिस के कारण नसों पर दवाब भी बड़ जायेगा जो आगे चल कर हानिकारक हो सकता है. इस समय आप के लिंग में खून का प्रवाह तेज़ी से हो रहा होता है. कस कर पकड़ने से खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है. स्लखित होने से पहले लिंग की स्थिति को निर्धारित करें अर्थात ऊपर की ओर, निचे की ओर, दायें या बाएं. एक बार स्थिति बन गयी तो फिर आप अपने वीर्य को निकलने दें.

स्लखित होने के तुरंत बाद लिंग को न छोड़ें. उसे सामान्य स्थिति में आने तक हल्के हाथ से सहलाते रहें. स्लखित होने के बाद लिंग को निचोड़ें नहीं. ऐसा करने से कोई लाभ नहीं होता. स्लखित होने के तुरंत बाद लिंग पर ठंडा पानी न डालें. यदि आप को तुरंत साफ़ करने की आवश्यकता है तो गुनगुने पानी का प्रयोग करें या किसी साफ़ कपडे से लिंग को पोंछ लें. अन्यथा 15 मिनट तक लिंग व शरीर को ठंडा होने दें फिर स्नान किया जा सकता है.

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